अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्री राम विवाह उत्सव में महाराजा दशरथ महल के राजभवन में शहनाई बजेगी. 6 दिसंबर को विवाह पंचमी पर भव्य बरात का भी निकाली जाएगी. रामनगरी अयोध्या के मंदिरों में श्री राम विवाह उत्सव की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पूरे शहर को एक बार फिर त्रेतायुग की तरह सजाया जा रहा है.
अयोध्या में राम विवाह उत्सव की परंपरा त्रेता युग से मानी जाती है. कहा जाता है कि इस दौरान महाराज दशरथ के राजमहल में राम के विवाह उत्सव का अद्भुत आयोजन किया गया था, जिसमें पूरी दुनिया के राजा महाराजा और देवी देवता शामिल हुए थे. इसी परंपरा को आज भी निर्वाह किया जा रहा है. रामकोट क्षेत्र स्थित राम मंदिर के पूरब में महाराजा दशरथ का प्राचीन राजमहल बना हुआ है. जहां पर श्री राम विवाह उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है.
एक दिसंबर से मंदिर प्रांगण के जगदगुरु राम दिनेशाचार्य के मुखारबिंदु से श्री राम कथा आयोजन के साथ विधि-विधान से पूरा किया जाएगा. इसमें धार्मिक अनुष्ठान के साथ हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक गणेश पूजा, तेल पूजा, हल्दी रस्म, मेहंदी रस्म के साथ राम बरात का आयोजन किया जाता है.
अयोध्या के दर्जनों मंदिर में भगवान राम और माता सीता के विवाह की झांकी का अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा, लेकिन अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक दशरथ भवन में सिर्फ भगवान के बरात विदाई के ही आयोजन किए जाते हैं.