हल्द्वानी:महाशिवरात्रि पर्व इस बार 8 फरवरी को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस तिथि पर ही भगवान शंकर मां पार्वती का विवाह हुआ था. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के विधि विधान से भगवान शिव की उपासना और उपवास करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है.ज्योतिष आचार्य डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च दिन शुक्रवार को पड़ रही है. साथ ही इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है. प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 मार्च को शाम 9:57 से शुरू होकर 9 सुबह तक रहेगी. ज्योतिष के अनुसार 8 मार्च को शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 15 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 6 बजकर 15 मिनट से रात 9 बजकर 15 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 9 बजकर 15 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 15 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - रात 12 बजकर 15 मिनट से 2 बजकर 24 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - प्रातः 02.24 से प्रातः 4:45
- महानिशा काल/ मंत्र सिद्धि कल मुहूर्त - रात में 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा
महाशिवरात्रि में वैदिक विधि से शिवपूजन करने का विशेष महत्व है. जिसमें रुद्री पाठ शिव महिम्न स्तोत्र शिव तांडव स्तोत्र, तथा महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विशेष महत्व है. शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण और भस्म लगाने से शिव महिमा की कृपा प्राप्त होती है.