करनाल:हरियाणा में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. हरियाणा में 5 अक्टूबर के दिन मतदान होगा. जबकि 8 अक्टूबर के दिन मतगणना की जाएगी. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम 90 विधानसभाओं से विशेष मुद्दों को उठा रही है, तो वहीं विधानसभा चुनाव से जुड़े हुए रोचक तथ्य भी हमारी टीम बता रही है. आज हम बात करने वाले हैं करनाल जिले की असंध विधानसभा के एक रोचक तथ्य की. जो हरियाणा विधानसभा और राजनीति के इतिहास में पहली बार घटित हुआ था. जहां पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले वाले और जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी सहित सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी.
क्यों होती है जमानत जब्त:किसी बड़े चुनाव में जितने उस क्षेत्र के वोट हैं, उसकी वोट का 6% वोट से कम अगर किसी प्रत्याशी को मिलता हैं तो उसकी जमानत जब्त माना जाता है. अक्सर देखने को मिलता है कि हर कोई कहता है उस नेता ने अच्छे काम नहीं किये. या उस नेता का अच्छा प्रभाव नहीं है. जिसके चलते उसकी जमानत जब्त होगी. यानी अगर किसी विधानसभा क्षेत्र में एक लाख वोट है, तो अपनी जमानत जब्त होने से बचाने के लिए उसको 6000 वोट से ज्यादा प्राप्त करनी होगी. तब ही उसकी जमानत जब्त होने से बचती है. ऐसा हरियाणा की राजनीति में विधानसभा चुनाव में एक इतिहास रहा है कि करनाल जिले के असंध विधानसभा से 2009 चुनाव में चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी.
असंध विधानसभा का इतिहास:असंध विधानसभा में 1977 से लेकर 2019 तक 10 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. जहां पर INLD ने सबसे ज्यादा तीन बार विधायक बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. तो वहीं कांग्रेस पार्टी के द्वारा इस सीट पर दो बार जीत हासिल की गई है तो वहीं जनता पार्टी समता पार्टी हरियाणा जनहित पार्टी के उम्मीदवारों ने भी यहां पर जीत हासिल की है. लेकिन जब 2009 का विधानसभा चुनाव यहां पर हुआ था. तब वह हरियाणा की विधानसभा चुनाव की राजनीति में इतिहास बन गया था.
2009 का विधानसभा चुनाव: 2009 में यहां पर विधानसभा सीट पर 10 उम्मीदवार चुनावी रण में थे. लेकिन कड़ी मेहनत करने के बाद भी विधायक बनने सहित सभी प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में असफल रहे. वह कुल वोट प्रतिशत का 6% हिस्सा भी हासिल नहीं कर पाए. उस समय में यहां पर एचजेसी के जिला राम शर्मा ने 3540 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. उनको कुल 20266 वोट मिले थे.