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असंध विधानसभा के इतिहास में एक चुनाव ऐसा भी, जिसमें जीतने वाले उम्मीदवार समेत सभी की जमानत हुई थी जब्त - Assandh Assembly Political History - ASSANDH ASSEMBLY POLITICAL HISTORY

Assandh Assembly Political History: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर महज एक माह का समय शेष रह गया है. जिसके चलते सूबे में राजनीतिक हलचल तेज है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम भी ग्राउंड जीरो पर जाकर वोटरों की नब्ज टटोलने के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास भी आपको बता रही है. इसी कड़ी में आज इस रिपोर्ट में बात करेंगे करनाल की असंध विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की.

Assandh Assembly Political History
Assandh Assembly Political History (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 3, 2024, 7:34 AM IST

Updated : Sep 3, 2024, 12:02 PM IST

करनाल:हरियाणा में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. हरियाणा में 5 अक्टूबर के दिन मतदान होगा. जबकि 8 अक्टूबर के दिन मतगणना की जाएगी. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम 90 विधानसभाओं से विशेष मुद्दों को उठा रही है, तो वहीं विधानसभा चुनाव से जुड़े हुए रोचक तथ्य भी हमारी टीम बता रही है. आज हम बात करने वाले हैं करनाल जिले की असंध विधानसभा के एक रोचक तथ्य की. जो हरियाणा विधानसभा और राजनीति के इतिहास में पहली बार घटित हुआ था. जहां पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले वाले और जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी सहित सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी.

क्यों होती है जमानत जब्त:किसी बड़े चुनाव में जितने उस क्षेत्र के वोट हैं, उसकी वोट का 6% वोट से कम अगर किसी प्रत्याशी को मिलता हैं तो उसकी जमानत जब्त माना जाता है. अक्सर देखने को मिलता है कि हर कोई कहता है उस नेता ने अच्छे काम नहीं किये. या उस नेता का अच्छा प्रभाव नहीं है. जिसके चलते उसकी जमानत जब्त होगी. यानी अगर किसी विधानसभा क्षेत्र में एक लाख वोट है, तो अपनी जमानत जब्त होने से बचाने के लिए उसको 6000 वोट से ज्यादा प्राप्त करनी होगी. तब ही उसकी जमानत जब्त होने से बचती है. ऐसा हरियाणा की राजनीति में विधानसभा चुनाव में एक इतिहास रहा है कि करनाल जिले के असंध विधानसभा से 2009 चुनाव में चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी.

असंध विधानसभा का इतिहास:असंध विधानसभा में 1977 से लेकर 2019 तक 10 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. जहां पर INLD ने सबसे ज्यादा तीन बार विधायक बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. तो वहीं कांग्रेस पार्टी के द्वारा इस सीट पर दो बार जीत हासिल की गई है तो वहीं जनता पार्टी समता पार्टी हरियाणा जनहित पार्टी के उम्मीदवारों ने भी यहां पर जीत हासिल की है. लेकिन जब 2009 का विधानसभा चुनाव यहां पर हुआ था. तब वह हरियाणा की विधानसभा चुनाव की राजनीति में इतिहास बन गया था.

2009 का विधानसभा चुनाव: 2009 में यहां पर विधानसभा सीट पर 10 उम्मीदवार चुनावी रण में थे. लेकिन कड़ी मेहनत करने के बाद भी विधायक बनने सहित सभी प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में असफल रहे. वह कुल वोट प्रतिशत का 6% हिस्सा भी हासिल नहीं कर पाए. उस समय में यहां पर एचजेसी के जिला राम शर्मा ने 3540 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. उनको कुल 20266 वोट मिले थे.

किसको कितने वोट मिले: दूसरे नंबर पर आजाद उम्मीदवार रघुवीर सिंह को 16726 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर यशपाल सिंह राणा आजाद उम्मीदवार को 15685 वोट मिले थे. जबकि भाजपा प्रत्याशी बख्शीश सिंह को 15546 वोट मिले थे. कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश चौधरी को 15208 वोट मिले थे. जबकि मराठा वीरेंद्र वर्मा को 14104 वोट मिले थे. INLD के प्रत्याशी प्रेम सिंह को 14206 वोट मिले थे. जबकि बसपा के प्रत्याशी अनिल राणा को 3343 वोट मिले थे. मौजूदा समय में यहां पर कुल वोट 241771 है.

जातिगत समीकरण:असंध विधानसभा सीट पर पहली बार राजनीतिक इतिहास में ऐसा हुआ था कि जिसमें विधायक का चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी. इसमें जिला राम शर्मा ने जीत हासिल की थी. लेकिन जीत हासिल करने वाले और विधायक बनने वाले जिले राम शर्मा भी अपनी जमानत जब्त होने से नहीं बचा पाए थे. इसका मुख्य काम यह है की असंध की जनसंख्या संरचना अनूठी है. जिसमें प्रमुख जातियों में लगभग समान वोट प्रतिशत है. जिसके चलते यहां पर सभी प्रत्याशियों में मुकाबला की टक्कर होती है. क्योंकि लगभग यहां पर हर जाति के द्वारा अपना उम्मीदवार उतारा जाता है, तो वही पार्टी के द्वारा भी अपने उम्मीदवार उतारे जाते हैं.

हरियाणा की हॉट सीट: पिछले तीन विधानसभा चुनाव में यहां पर मामूली अंतर से जीत हासिल करके विधायक बने हैं. 2009 में ₹3540 वोट के अंतर से यहां पर विधायक चुने गए थे. 2014 में 4608 वोट के अंतर से यहां पर विधायक चुने गए थे. 2019 में भी यहां पर 1703 वोट के अंतर से विधायक चुने गए थे. इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि यहां पर सभी जातियों के प्रत्यक्ष में मुकाबला काफी कड़ा रहता है. जिसके चलते 2009 विधानसभा चुनाव में सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी. इसके चलते यह सीट कड़े मुकाबले की टक्कर के लिए हरियाणा में सबसे ज्यादा मशहूर सीट मानी जाती है.

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Last Updated : Sep 3, 2024, 12:02 PM IST

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