कानपुर: सालों बाद ऐसा हुआ, जब कानपुर में लगभग एक घंटे से अधिक समय तक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जलशक्ति मंत्री (योगी सरकार) स्वतंत्र देव सिंह ने जाजमऊ स्थित नवनिर्मित कॉमन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का जिम्मेदार अफसरों संग निरीक्षण किया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब कानपुर में एशिया का सबसे बड़ा सीईटीपी बन गया है. जिसकी क्षमता करीब 20 एमएलडी होगी. 625 करोड़ रुपये की लागत वाले इस सीईटीपी में अब टेनरियों का दूषित उत्प्रवाह तो शोधित किया ही जा सकेगा, इसके साथ-साथ घरेलू और अन्य सीवेज वाले पानी का भी हम शोध कर सकेंगे.
केंद्रीय मंत्री के सामने गंदे पानी को शोधित करके दिखायाःमंत्री ने कहा कि सालों से प्लांट के आसपास शेखपुर, प्योंदी, मवैया समेत अन्य गांवों के अंदर जो हानिकारक केमिकलों वाला पानी पहुंच रहा था. इससे गंगा भी दूषित हो रही थीं. वह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने पूरे प्लांट में अलग-अलग स्थानों पर जाकर बारीकी से हर बिंदु की जानकारी ली. नमामि गंगे टीम के अफसरों ने तो केंद्रीय मंत्री के सामने ही गंदे पानी को शोधित करके भी दिखाया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां तक कह दिया कि गंगा को अविरल और निर्मल करने में अभी तक जो करोड़ों रुपये खर्च हुए, उससे यह लगता है कि नमामि गंगे का अभियान सफल रहा. इस मौके पर नमामि गंगे के डीजी अशोक कुमार, डीएम राकेश सिंह, नवाब सिंह, शशांक मिश्रा, ज्ञानेंद्र चौधरी आदि मौजूद रहे.