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625 करोड़ वाला एशिया का सबसे बड़ा सीईटीपी अब गंगा को करेगा अविरल-निर्मल

कानपुर में 625 करोड़ वाला एशिया का सबसे बड़ा (Asia largest CETP in kanpur) कॉमन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) बन गया है. यह गंगा को अविरल-निर्मल करने का काम करेगा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने आज इसका निरीक्षण किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 4:35 PM IST

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी जानकारी


कानपुर: सालों बाद ऐसा हुआ, जब कानपुर में लगभग एक घंटे से अधिक समय तक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जलशक्ति मंत्री (योगी सरकार) स्वतंत्र देव सिंह ने जाजमऊ स्थित नवनिर्मित कॉमन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का जिम्मेदार अफसरों संग निरीक्षण किया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब कानपुर में एशिया का सबसे बड़ा सीईटीपी बन गया है. जिसकी क्षमता करीब 20 एमएलडी होगी. 625 करोड़ रुपये की लागत वाले इस सीईटीपी में अब टेनरियों का दूषित उत्प्रवाह तो शोधित किया ही जा सकेगा, इसके साथ-साथ घरेलू और अन्य सीवेज वाले पानी का भी हम शोध कर सकेंगे.

केंद्रीय मंत्री के सामने गंदे पानी को शोधित करके दिखायाःमंत्री ने कहा कि सालों से प्लांट के आसपास शेखपुर, प्योंदी, मवैया समेत अन्य गांवों के अंदर जो हानिकारक केमिकलों वाला पानी पहुंच रहा था. इससे गंगा भी दूषित हो रही थीं. वह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने पूरे प्लांट में अलग-अलग स्थानों पर जाकर बारीकी से हर बिंदु की जानकारी ली. नमामि गंगे टीम के अफसरों ने तो केंद्रीय मंत्री के सामने ही गंदे पानी को शोधित करके भी दिखाया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां तक कह दिया कि गंगा को अविरल और निर्मल करने में अभी तक जो करोड़ों रुपये खर्च हुए, उससे यह लगता है कि नमामि गंगे का अभियान सफल रहा. इस मौके पर नमामि गंगे के डीजी अशोक कुमार, डीएम राकेश सिंह, नवाब सिंह, शशांक मिश्रा, ज्ञानेंद्र चौधरी आदि मौजूद रहे.

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100 करोड़ किए जाएंगे खर्च: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह भी स्वीकारा कि अभी भी कई नालों का दूषित पानी सीधे गंगा में जा रहा है. इसके लिए अब सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके बाद नालों के पानी को टैप करके हम जाजमऊ स्थित सीईटीपी में लाएंगे और यहीं पूरा पानी शोधित होगा. फिर इस शोधित पानी से छोटी नदियों को पुर्नजीवित करने की योजना है.

नौ साल में करीब 30 हजार करोड़ खर्च किए गए: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गंगा के उद्गम स्थल से लेकर पूरे भारत में गंगा के बहाव को अविरल और निर्मल बनाने के लिए नौ सालों के अंदर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. कानपुर में जिस सीसामऊ नाले का 14 करोड़ लीटर गरल एक समय गंगा में गिरता था. मौजूदा समय में वह स्थान एक पिकनिक स्थल की तरह नजर आता है. वहीं, साल 2014 में पीएम मोदी ने जो संकल्प लिया था कि वह गंगा को अविरल और निर्मल कर देंगे, उसमें हम काफी हद तक कामयाब हो गए है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जाजमऊ के बाद पनकी स्थित पनका एसटीपी (नव निर्मित) का भी निरीक्षण किया.

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