रायपुर: गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है, लेकिन इस बार गुप्त नवरात्रि 9 दिनों का ना होकर 10 दिनों का होने वाला है. इस लिहाज से 6 जुलाई से शुरू होकर गुप्त नवरात्रि 15 जुलाई तक चलेगा. सनातन धर्म में मां दुर्गा की आराधना नवरात्रि में नौ दिनों तक की जाती है. एक साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें दो ज्ञात नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती है. पहले चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्रि में आषाढ़ और माघ माह में आते हैं. आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधकों के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है. नवरात्रि के दिनों में साधक अपनी तंत्र विद्या के जरिए तंत्र साधना को सिद्ध करते हैं.
जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "साल में चार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से दो ज्ञात नवरात्रि होती है और दो गुप्त नवरात्रि कहलाती है. साल 2024 में पहला गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है. साल का दूसरा गुप्त नवरात्रि 30 दिसंबर को शुरू होगी. साल की दोनों गुप्त नवरात्रि विशिष्ट साधक और तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए जानी जाती है. इन नौ दिनों के दौरान साधक अपनी तंत्र और मंत्र साधना को सिद्ध कर सकते हैं. गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां काली और दुर्गा की आराधना और पूजन साधक करते हैं. यह साधना और पूजा पूरी तरह से गुप्त होती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान तंत्र और मंत्र साधकों की ओर से किया जाने वाला अनुष्ठान का भी बड़ा महत्व है. ऐसा माना जाता है कि जो फल ज्ञात नवरात्रियों में नहीं मिलता वह फल इस गुप्त नवरात्रि में साधकों को मिलता है. महामृत्युंजय अनुष्ठान, नवाण मंत्र, सरस्वती का अनुष्ठान, मां काली का अनुष्ठान, शिव का अनुष्ठान, भगवान कृष्ण का अनुष्ठान तमाम तरह के अनुष्ठान इस दौरान किए जाते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान माता के मंदिर में इस तरह के अनुष्ठान साधकों के द्वारा किया जाता है, तो इसका लाखों गुणा फल मिलता है."
घोड़े पर सवार होकर आ रही मां:हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई 2024 शनिवार से शुरू हो रहा है. इसका समापन 15 जुलाई 2024 सोमवार को होगा. गुप्त नवरात्रि इस बार 9 दिन नहीं बल्कि 10 दिनों का रहने वाला है. 6 जुलाई से शुरू होने वाले गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. शनिवार के हिसाब से मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आगमन करेंगी. मां दुर्गा का घोड़े पर आगमन होना प्राकृतिक आपदा का संकेत देता है.