गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश की सीमावर्ती जंगलों में बाघ होने की सूचना मिली थी. बताया जा रहा है कि पिछले 10 दिनों से इलाके में बाघ घूम रहा है.लेकिन इस बात की पुष्टि तब हुई जब ज्वालेश्वर महादेव मंदिर के संतों ने इसका वीडियो बनाया. वीडियो देखने के बाद वनविभाग ने कंफर्म किया कि इलाके में घूम रही बाघ मादा है. मादा बाघ छत्तीसगढ़ के रजमेरगढ़ और ज्वालेश्वर धाम महादेव मंदिर के आसपास विचरण कर रही है. बाघिन का वीडियो ज्वालेश्वर महादेव मंदिर में रहने वाले साधुओं ने बनाया जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
ज्वालेश्वर मंदिर के पीछे संतों ने बनाया वीडियो : ये बाघिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में आ जा रही है. लेकिन पिछले 10 दिनों से छ्त्तीसगढ़ के इलाके में बाघ होने की सूचना वनविभाग को दी.जिसके बाद मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं ने भी ज्वालेश्वर मंदिर के पास बाघ को देखा और इसका वीडियो बना लिया. रविवार शाम को मादा बाघ मंदिर के पिछले हिस्से में घूम रही थी. इसी दौरान संतों की नजर बाघ पर पड़ी.जिस इलाके में बाघिन घूम रही है वो इलाका मध्यप्रदेश और छ्त्तीसगढ़ का जीरो पाइंट बार्डर एरिया है. इसी वजह से बाघिन दोनों राज्यों के जंगलों में विचरण कर रही है.
वनविभाग बाघ को लेकर अलर्ट : वहीं दूसरी ओर वन विभाग की माने तो बाघिन पिछले 15 दिनों से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश बॉर्डर में घूम रही है. लेकिन जिस जगह अभी बाधिन देखी गई है वहां पर्यटकों का जमावड़ा रहता है.ऐसे में लोगों के लिए चिंता का सबब है.वहीं बाघिन ने पिछले दिनों मवेशी का शिकार भी किया था. जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है. लेंटाना के जंगलों में बाघिन की गतिविधियां लगातार दर्ज की जा रही हैं.लेकिन वनविभाग की माने तो दोनों ही राज्यों की वनविभाग की टीम बाघ पर नजर बनाए हुए हैं.जहां भी बाघिन जाती है,आसपास के गांवों को अलर्ट किया जाता है.
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