नई दिल्ली:साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड ने न सिर्फ पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, बल्कि महिला सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े किए थे. उस दर्दनाक घटना की 12वीं बरसी पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की तरफ से 'महिला अदालत' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में दिल्ली की हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर अखिलेश यादव व आप सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे. वहीं महिलाओं ने मुख्यमंत्री आतिशी के साथ अपनी समस्याओं को भी साझा किया.
वहीं, अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सीएम आतिशी और सांसद संजय सिंह ने कार्यक्रम के दौरान निर्भया को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली की महिलाओं ने बढ़ते अपराध पर भाजपा से जवाब मांगा और कहा कि आखिर केंद्रीय गृहमंत्री कब जिम्मेदारी लेंगे? इस दौरान कई महिलाएं आपबीती सुनाते हुए फफक-फफक कर रोने लगीं.
अरविंद केजरीवाल की 11 बड़ी बातें...
- दिल्ली में आज महिलाओं को घर से निकलने में डर लगता है
- बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शलों की तैनाती की
- दिल्ली में 60 प्रतिशत महिलाएं आम आदमी पार्टी को दे रहीं वोट
- कानून व्यवस्था ठीक करना केंद्र का काम, इन्होंने वह भी नहीं किया.
- लोगों ने मुझे स्कूल, अस्पताल आदि की जिम्मेदारी दी थी, जिसे मैंने ठीक किया
- दिल्ली के सारे अस्पतालों को एयर कंडीशन बना दिया, जहां मुफ्त इलाज मिलता है
- भाजपा वाले वोट मांगने आएं तो कह देना, अब भाजपा हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है
- दिल्ली पुलिस क्यों कुछ नहीं करती है. इनके ऊपर बैठे आकाओं को इनकी परवाह नहीं है
- पूरी दिल्ली में चार लाख से ज्यादा स्ट्रीट लाइट लगवाई, पहले केवल 66 हजार हुआ करती थीं
- मेरे हाथ में दिल्ली की सुरक्षा-व्यवस्था नहीं, अगर उनसे यह नहीं संभल रही तो हमें कह दें
- दिल्ली में दो सरकार, एक चीजें महंगी करती जा रही है और दूसरी फ्री करती जा रही है
दिल्ली की महिलाएं मेरा परिवार: वहीं, अरविंद केजरीवाल ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की नई पहल को अपना समर्थन देने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मेरे लिए दिल्ली की महिलाएं मेरा परिवार हैं. दिल्ली की हर मां, बहन, बेटी की सुरक्षा और सम्मान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. महिला उत्पीड़न की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई इसलिए नहीं करती है, क्योंकि इनके ऊपर अमित शाह बैठे हैं और उनको महिलाओं की कोई परवाह नहीं है. उनके लिए दिल्ली की कानून व्यवस्था मुद्दा नहीं है.