हीटवेव से मौत, 43 डिग्री टेंपरेचर में ट्रक चला रहे ड्राइवर की गई जान - heatwave in Chhattisgarh
heatwave in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी और हीटवेव का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. 1 जून शाम तक मौसम की ऐसी ही स्थिति रहेगी. कांकेर में हीटवेव से एक शख्स की जान चली गई.
कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर में लू लगने से पहली मौत हुई है. गर्मी और लू से जान गंवाने वाला ट्रक ड्राइवर है. चारामा अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है. सीएमओ अविनाश खरे ने लू से मौत की पुष्टि की है. बताया जा रहा कि मृतक के शरीर का तापमान 106 डिग्री था. जिसका उपचार जारी था लेकिन उपचार के दौरान मौत हो गई है.
यूपी के ट्रक ड्राइवर की लू लगने से मौत:उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ का रहने वाला ट्रक ड्राइवर निसार अहमद विशाखापट्टनम से चारामा के कहाडगोंदी डामर लेकर आ रहा था. चारामा पहुंचने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
शनिवार शाम तक पारा रहेगा हाई:गुरुवार से जिले में पारा इस साल सर्वाधिक 43 डिग्री पर पहुंच गया. गर्मी के प्रकोप से पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं. नौतपा लगने के बाद से ही 20 मरीज कांकेर अस्पताल में ऐसे पहुंचे, जिनकी गंभीर स्थिति को देख उनको इलाज के लिए भर्ती करना पड़ा. मौसम विभाग के अनुसार नौतपा का प्रकोप शनिवार तक ऐसा ही बना रहेगा, जिसके बाद पारा कम होकर 39 डिग्री पर पहुंचेगा.
छत्तीसगढ़ में नौतपा: नौतपा 25 अप्रैल से शुरू हुआ, जिसका प्रभाव 2 जून तक रहेगा. नौतपा जमकर तपा रहा है, जहां दोपहर 12 बजे के बाद बहुत तेज गर्मी पड़ती है. तेज गर्मी का प्रभाव लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. रोजाना जिले के सबसे बड़े कांकेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बड़ी संख्या में गर्मी से पीड़ित मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. वर्तमान में कांकेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 92 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 20 गर्मी के प्रकोप से पीड़ित हैं. इन मरीजों को डिहाइड्रेशन, बुखार, डायरिया, सिरदर्द, पेटदर्द जैसी शिकायतें हैं. मरीजों को ओपीडी में दिखाने के बाद राहत नहीं मिली तो गंभीर हालत को देख अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. अस्पताल के अलावा शहर के निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. निजी अस्पताल संचालकों के अनुसार जो मरीज पहुंच रहे हैं, उनमें 25 प्रतिशत गर्मी के प्रकोप से पीड़ित होते हैं.