जोधपुर :गुजरात में तेजी से फैलते हुए एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के साथ-साथ चांदीपुरा वायरस के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिसके चलते गुजरात से सटे राजस्थान के इलाकों में भी खतरा मंडरा रहा है. यहां भी बच्चे चपेट में आने लगे हैं. गुरुवार को ही पुणे से जारी रिपोर्ट में जोधपुर एम्स से भेजा गया सैंपल पॉजिटिव पाया गया है, लेकिन जिस सात साल की बच्ची की चांदीपुर वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुकी है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि जिस सात साल की बच्ची रिपोर्ट पॉजिटिव आई वह जोधपुर की नहीं बल्कि नाथद्वारा की रहने वाली है. बच्ची पूरी तरह से ठीक हो चुकी थी, इसलिए उसे एम्स से छुट्टी मिल चुकी है. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग बच्ची के रिपोर्ट के बारे में सूचित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जोधपुर के किसी रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है. विभाग हर स्तर पर सतर्क है.
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इधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा जानकारी के अनुसार जून 2024 की शुरुआत से ही गुजरात में 15 साल से कम उम्र के बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामले सामने आए हैं. 31 जुलाई तक 148 एईएस मामले (गुजरात के 24 जिलों से 140, मध्य प्रदेश से 4, राजस्थान से 3 और महाराष्ट्र से 1) रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें से 59 की मृत्यु हो गई है. 51 मामलों में चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) की भी पुष्टि हुई है.
राजसमंद जिले के देलवाड़ा ब्लॉक के झाड़ सादड़ी गांव में 7 वर्षीय बच्ची के चांदीपुरा पॉजीटिव की सूचना मिलने पर मौके पर चिकित्सा विभाग की टीम पहुंच गई और सर्वे शुरू कर दिया. सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम ने घर-घर सर्वे शुरू कर दिया है. फिलहाल मौके पर चिकित्सा विभाग के सर्वे में झाड़ सादड़ी गांव में कोई बीमार व्यक्ति नहीं पाया गया. फिर भी ऐतियातन चिकित्सा विभाग की टीम गांव के सभी लोगों के स्वास्थ्य जांच कर रही है.