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Delhi: पटाखों का शोर पशु-पक्षियों के लिए भी है खतरनाक, कइयों का बदल जाता है व्यवहार - FIRECRACKER POLLUTION EFFECT ANIMAL

-पटाखों से इंंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी हो रहे प्रभावित -पशु पक्षी में भी तनाव की समस्या -डॉक्टरों ने की पटाखे पर रोक की अपील

पटाखों के शोर और प्रदूषण से जानवर भी  होते हैं परेशान
पटाखों के शोर और प्रदूषण से जानवर भी होते हैं परेशान (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 28, 2024, 12:36 PM IST

Updated : Oct 28, 2024, 4:22 PM IST

नई दिल्ली :दिवाली करीब है. इस बार भी राजधानी में पटाखे जलाने पर बैन है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्दे नज़र दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि दिवाली के दिन पटाखे न जलाएं. पटाखों से निकलने वाले धुएं से इंसानों को सांस संबंधी बीमारियां हो जाती हैं, लेकिन इससे निकलने वाली तेज आवाज इंसान के आसपास रहने वाले जानवरों के लिए घातक साबित होती हैं. पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से कुत्ते, बिल्ली और गाय जैसे जानवर ट्रॉमा के शिकार हो जाते हैं.

पटाखों से जानवर भी होते हैं बुरी तरह प्रभावित :वर्षों से पशु चिकित्सक डॉ. हरअवतार सिंह ने बताया कि जैसे जैसे दिवाली करीब आती है, लोग पटाखे फोड़ने लगते हैं.तमाम पाबंदियों के बावजूद भी राजधानी में लोग जमकर पटाखे फोड़ते हैं. कई की आवाज तो काफी तेज होती है इस बाबत उनके पास रोज एक दो डॉग्स ऐसे पहुंच रहे हैं, जो ट्रामा के शिकार हुए हैं. इसका प्रभाव पैट्स और स्ट्रीट जानवरों पर देखने को मिल रहा है. खास तौर पर उनके जानवरों के बच्चे पटाखों की तेज आवाज से डर जाते हैं और इधर उधर भागने लगते हैं. इस में कई गंभीर हादसे का शिकार हो जाते हैं.

पशु और पक्षी भी पटाखों के शोर और प्रदूषण से परेशान (ETV BHARAT)

पटाखों के आवाज से जानवरों में हो जाती है बेचैनी :डॉ. ने बताया कि अगर आपको लगता है कि जहां आप रहते हैं, वहां लोग ज्यादा पटाखे फोड़ते हैं तो अपने पालतू कुत्ते के कानों में कॉटन प्लग कर देनी चाहिए. इसके अलावा बाजार में ऐसी कई दवाएं मौजूद हैं. जिनको खिलाने से पेट्स का इंगजाइटी लेवल काम हो जाता है. लेकिन पशु चिकित्सक की सलाह के बाद ही इन दवाओं का इस्तेमाल करें. इन दवाओं को खाने के .बाद पालतू जानवर खास तौर पर घरों में रखें जाने पैट्स आराम से सो जाते हैं.

पटाखों की आवाज से जानवर खाना नहीं खा पाते :कई बार ऐसा भी सामने आता है कि पटाखों की आवाज से शॉक में आने के बाद पेट एनिमल खाना पीना छोड़ देते हैं. हाल ही में एक केस ऐसा आया था, जिसमें पटाखों की आवाज सुनने के बाद पप्पी ने खाना पीना छोड़ दिया था. वहीं पटाखों की आवाज सुनने के बाद वह डर जातें हैं और इधर से भागने लगते हैं. ऐसे में वहीं घटना के शिकार हो जाते हैं.

डॉक्टर कर रहे पटाखा ना जलाने की अपील :डॉ. ने दिल्ली की जनता से अपील की है कि कृपया इस बार दिवाली पर पटाखों को न जलाएं. इससे केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवरों का भी असुरक्षित रहते है.इसके अलावा अगर कोई आस्था के नाम पर पटाखें जला भी रहा है, तो ऐसे जगह जलाएं जहां पालतू जानवर न हों.

पक्षियों पर भी पड़ता है असर :कई पटाखें ऐसे होते हैं जिनकी आवाज काफ़ी तेज़ होती हैं इनके धमाके से घोसलों में जिंदगी की शुरुआत कर रहे कई नवजात नीचे गिर जाते हैं, और दोबारा उड़ नहीं पाते और अन्य पक्षियों या जानवरों का शिकार बन जाते हैं.

पटाखों से जानवरों को हो रही खांसी और कफ की शिकायत :डॉ. ने बताया, वर्तमान में पशुओं के अंदर दिवाली के समय वायु प्रदूषण से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण का असर देखने को मिल रहा है. लेकिन एक दो ऐसे भी मामले आए हैं जिनमें पेट एनिमल को खांसी और कफ की शिकायत भी आई हैं. इन सभी का एक मात्र इलाज यही है कि प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाए. तभी इंसानों के साथ जानवरों के जीवन को बचाना संभव हो पाएगा.

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Last Updated : Oct 28, 2024, 4:22 PM IST

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