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तिरुमला लड्डू मामला : हिरासत में आरोपी, एसआईटी करेगी पूछताछ - SIT TIRUMALA LADDU

सीबीआई के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम अब लड्डू घी में मिलावट मामले में तिरुपति देवस्थानम के लोगों की भूमिका की जांच कर रही है.

SIT Tirumala Laddu
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 14, 2025, 1:12 PM IST

तिरुपति: तिरुमला लड्डू घी में मिलावट के मामले में, तिरुपति में द्वितीय अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को चार आरोपियों को 14 से 18 फरवरी तक पांच दिन की संयुक्त एसआईटी हिरासत में भेज दिया. सीबीआई की संयुक्त एसआईटी ने तीन दिन पहले कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपियों की सात दिन की हिरासत मांगी थी.

हालांकि, हिरासत याचिका के संबंध में दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केवल पांच दिन की हिरासत की अनुमति दी. एसआईटी की ओर से लोक अभियोजक सीएन गोपीनाथन (विजयवाड़ा सीबीआई कोर्ट) और एपीपी पी जयशेखर ने सात दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि आरोपियों ने जांच में सहयोग नहीं किया और महत्वपूर्ण जानकारी देने से इनकार कर दिया.

अभियोजन पक्ष ने जोर देकर कहा कि मिलावट मामले के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को उजागर करने के लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर ही आगे की जांच की जा सकती है. जवाब में, बचाव पक्ष के वकील, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हशाना सुखदेव और तिरुपति के वरिष्ठ अधिवक्ता वाणी ने अभियोजन पक्ष के अनुरोध का विरोध किया.

उन्होंने तर्क दिया कि सीबीआई द्वारा आगे की हिरासत के लिए बताए गए कारण निराधार थे, क्योंकि उनके मुवक्किलों ने पहले ही एसआईटी को आवश्यक जानकारी दे दी थी. बचाव पक्ष ने यह भी बताया कि जिन लोगों को एसआईटी से समन मिला था, वे जांच में शामिल हो रहे थे. एसआईटी द्वारा शुक्रवार सुबह कार्यालय समय के दौरान आगे की जांच के लिए तिरुपति उप जेल से आरोपियों को हिरासत में लेने की उम्मीद है.

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तिरुपति: तिरुमला लड्डू घी में मिलावट के मामले में, तिरुपति में द्वितीय अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को चार आरोपियों को 14 से 18 फरवरी तक पांच दिन की संयुक्त एसआईटी हिरासत में भेज दिया. सीबीआई की संयुक्त एसआईटी ने तीन दिन पहले कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपियों की सात दिन की हिरासत मांगी थी.

हालांकि, हिरासत याचिका के संबंध में दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केवल पांच दिन की हिरासत की अनुमति दी. एसआईटी की ओर से लोक अभियोजक सीएन गोपीनाथन (विजयवाड़ा सीबीआई कोर्ट) और एपीपी पी जयशेखर ने सात दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि आरोपियों ने जांच में सहयोग नहीं किया और महत्वपूर्ण जानकारी देने से इनकार कर दिया.

अभियोजन पक्ष ने जोर देकर कहा कि मिलावट मामले के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को उजागर करने के लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर ही आगे की जांच की जा सकती है. जवाब में, बचाव पक्ष के वकील, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हशाना सुखदेव और तिरुपति के वरिष्ठ अधिवक्ता वाणी ने अभियोजन पक्ष के अनुरोध का विरोध किया.

उन्होंने तर्क दिया कि सीबीआई द्वारा आगे की हिरासत के लिए बताए गए कारण निराधार थे, क्योंकि उनके मुवक्किलों ने पहले ही एसआईटी को आवश्यक जानकारी दे दी थी. बचाव पक्ष ने यह भी बताया कि जिन लोगों को एसआईटी से समन मिला था, वे जांच में शामिल हो रहे थे. एसआईटी द्वारा शुक्रवार सुबह कार्यालय समय के दौरान आगे की जांच के लिए तिरुपति उप जेल से आरोपियों को हिरासत में लेने की उम्मीद है.

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