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'बस्ता लेकर क ख ग घ सीखने निकले हैं प्रशांत किशोर', जन सुराज के चुनाव चिह्न पर आनंद मोहन

प्रशांत किशोर की पार्टी को मिले चुनाव चिह्न पर सियासत हो रही है. आनंद मोहन ने कहा कि उन्हें अभी सीखने की जरूरत है.

आनंद मोहन
आनंद मोहन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 11, 2024, 1:31 PM IST

गयाः प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को चुनाव चिह्न बस्ता मिलने पर आनंद मोहन ने तंज कसा. कहा कि अभी प्रशांत किशोर को सीखने की जरूरत है. इसलिए बस्ता लेकर राजनीति का 'क ख ग घ' सीखने निकले हैं. इस दौरान उन्होंने लालू यादव की सरकार की भी याद दिलायी. कहा कि पहले और अभी के इमामगंज में बहुत बड़ा अंतर है. आनंद मोहन का मानना है कि पहले अपराध बढ़ा हुआ था.

"उन्हें अभी बस्ता मिला है. राजनीति का क ख ग घ सीख लें. बस्ता का मतलब समझिए. प्रशांत किशोर बस्ता लेकर निकले हैं. नर्सरी के बच्चे विद्यालय सीखने जाते हैं. इस तरह से अभी उन्हें राजनीति का क ख ग घ सीखने की जरूरत है. इसके बाद वे बात करें."-आनंद मोहन, पूर्व सांसद

पूर्व सांसद आनंद मोहन (ETV Bharat)

एनडीए के लिए प्रचार कर रहे आनंद मोहनः दरअसल, आनंद मोहन इमामगंज में एनडीए प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे हैं. इस दौरान मीडिया ने प्रशांत किशोर को लेकर सवाल पूछा. मीडिया ने पूछा कि प्रशांत किशोर इमामगंज में मोबाइल टावर लगा रहे हैं? इसपर आनंद मोहन ने तंज कसा. उन्होंने प्रशांत किशोर को सीखने की नसीहत दी.

जंगल राज की याद दिलायीः इस दौरान आनंद मोहन ने लालू यादव की सरकार की भी यादव दिलायी. कहा कि आज के इमामगंज और पूर्व के इमामगंज में बहुत फर्क है. कहा कि पूर्व सांसद राजेश पासवान को इसी इलाके में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. नक्सलियों के भय से इस इलाके में हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई थी. चिमनिया बंद हो गई थी या फूंक दी गई थी.

बीजेपी नेता की हुई थी हत्याः आनंद मोहन ने कहा कि इस इलाके की बात करें तो यहां दिन के 12 बजे कोई एसपी-कलेक्टर नहीं आता था. प्रचार में निकले बीजेपी नेता उमेश सिंह की हत्या कर दी गई थी. आनंद मोहन ने यह भी कहा कि तब मीडिया के लोग भी इसी इलाके में आने से कतराते थे. इस तरह से रिपोर्टिंग नहीं कर सकते थे, कि वह जंगल वाले इलाके में चले जाएं और वहां से काम करें.

इमामगंज में हुआ बदलावः आनंद मोहन ने कहा कि अब बहुत बड़ा बदलाव हो गया है. यही इमामगंज इलाके में प्रशांत किशोर को भी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. प्रशांत किशोर बस्ता लेकर निकले हैं, ककहरा सीख ले, अभी उन्हें सीखने की जरूरत है.

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