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भरतपुर @ 47 डिग्री, संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में नहीं पर्याप्त कूलर-पंखे, घरों से लाने पड़ रहे - heat in hospitals - HEAT IN HOSPITALS

राज्य सरकार की घोषणा के बावजूद सरकारी अस्पतालों में गर्मी से निजात दिलाने के पर्याप्त उपाय नहीं हुए हैं. मरीज और उनके परिजन भीषण गर्मी में परेशान हैं.

heat in hospitals
जनाना अस्पताल में नहीं पर्याप्त कूलर-पंखे (photo etv bharat bharatpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 7:00 PM IST

Updated : May 25, 2024, 8:07 PM IST

संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में नहीं पर्याप्त कूलर-पंखे (photo etv bharat bharatpur)

भरतपुर. नौतपा शुरू होते ही भरतपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. शनिवार को भरतपुर सीजन का सबसे गर्म दिन रहा. यहां का अधिकतम तापमान 47 डिग्री दर्ज किया गया. इतनी गर्मी में भी संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में बच्चों और प्रसूताओं को गर्मी से राहत देने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है. कोई बीमार बच्चे के लिए हाथ पंखा से हवा करता नजर आया तो कई महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर कूलर के सामने खड़ी दिखाई दी. जनाना अस्पताल में करीब 250 मरीजों पर 50 कूलरों का भी इंतजाम नहीं है. मजबूरन मरीज अपने घरों से कूलर लाकर मरीजों को गर्मी से राहत पहुंचा रहे हैं.

घर से लाना पड़ा कूलर:जनाना अस्पताल के प्रसूति वार्ड में कूम्हा निवासी निया नामक प्रसूता भर्ती है. निया की सास ने बताया कि वार्ड में गर्मी से बचाव के लिए ना तो पर्याप्त कूलर हैं और ना पंखा. मजबूरन बाजार से नया कूलर खरीदकर लाए हैं और प्रसूता के बेड के पास लगाया है, तब जाकर प्रसूता को गर्मी से राहत मिली है. इसी तरह संता का नगला निवासी एक प्रसूता की परिजन फूलवती ने बताया कि अपने मरीज के लिए उन्हें घर से कूलर लाकर लगाना पड़ा है. अस्पताल में कूलर की व्यवस्था ही नहीं है.

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बच्चों को कूलर के सामने ले जाना पड़ रहा:जनाना अस्पताल के चार बच्चा वार्डों के बीच की गली में एक कूलर लगाया गया है. वार्डों में पंखा भी लगे हुए हैं, लेकिन इनकी हवा मरीजों के बेड तक नहीं पहुंचती. मजबूरन छोटे छोटे बच्चों को गोद में लेकर माताएं बारी बारी से कूलर के सामने जाकर खड़े होती हैं, ताकि मासूम को गर्मी से राहत मिल सके. शहर की अर्जुन नगर कॉलोनी निवासी संजू और चक एकटा निवासी मीनू ने बताया कि उनके बच्चों को उल्टी दस्त हो गए थे, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वार्ड में पंखा तो है लेकिन वह बहुत धीमा चलता है. वार्ड की गैलरी में एक कूलर लगा है, जिससे बेड तक कूलर की हवा नहीं पहुंचती. ऐसे में बच्चे को गर्मी से बचाने के लिए दिनभर कूलर के सामने गोद में लेकर खड़ा रहना पड़ता है.

60 में से 14 कूलर खराब:इस संबंध में जब पीएमओ डॉ नगेन्द्र सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि जनाना अस्पताल में कुल 60 कूलर वर्किंग में हैं.36 कूलर की मरम्मत की डिमांड आई थी, जिनमें से 22 कूलर सही करा दिए गए हैं. 14 कूलरों को भी जल्द सही करा दिया जाएगा. फिलहाल अस्पताल में कुल 46 कूलर मरीजों के लिए लगाए हुए हैं.

Last Updated : May 25, 2024, 8:07 PM IST

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