रांची:झारखंड में संविधान बदल दिया गया है. अनूसूचित जाति का आरक्षण समाप्त कर दिया गया है. ये कहना है झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का. मामला चौकीदार बहाली से जुड़ा हुआ है. झारखंड सरकार द्वारा जिला स्तर पर चौकीदारों की बहाली हो रही है. इस बहाली में अनूसूचित जाति का आरक्षण शुन्य कर दिया गया है. इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. इसी मामले को लेकर अमर बाउरी ने सरकार पर हमला बोला है. विधानसभा में भी भाजपा विधायकों ने मामले को उठाया है.
अमर बाउरी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि झामुमो-कांग्रेस और राजद की सरकार के द्वारा झारखंड में संविधान बदल दिया गया है. झामुमो-कांग्रेस-राजद ने झारखंड में अनुसुचित जाति समाज का आरक्षण समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में रोजाना अनुसूचित जाति-जनजाति-पिछड़ा वर्ग का झूठा रोना रोने वाले दलितों के झूठे हितैषी राहुल गांधी क्या अपने झारखंड के ठगबंधन सरकार द्वारा किए गए इस कुकृत्य के लिए माफी मांगेंगे? उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लोग इस सरकार को सबक सिखाएंगे.
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी यह मुद्दा हावी रहा. भाजपा विधायक केदार हाजरा और नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस मामले को लेकर सरकार से सवाल किया. उन्होंने कहा कि चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति के रिजर्वेशन का कॉलम ही नहीं रखा गया है. इस पर सरकार को संज्ञान देना चाहिए.
हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल
मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने सीएम को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका के सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने का मामला उठाया.
प्रदीप यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि सीएम के खिलाफ साजिश हुई थी. बाबूलाल मरांडी पहले ही कह चुके थे कि जोहार यात्रा जेल यात्रा बनेगी. निशिकांत दुबे भी यह बात कह चुके थे, ऐसे में भाजपा नेताओं को कान पकड़ कर माफी मांगनी चाहिए. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि ऑपरेशन लोटस के तहत राज्य के विकास को बाधित किया गया. सीएम को साजिश के तहत जेल भेजा गया.