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PAT में धांधली के आरोप : तपती गर्मी में धरने पर बैठे विद्यार्थी, कुलपति के खिलाफ की नारेबाजी - PAT Scam Allegation

PAT Scam Allegation, राजस्थान विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा (PAT) में धांधली और चहेतों को फायदा पहुंचाने के आरोपों को लेकर गुरुवार को विद्यार्थियों और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तपती गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

PAT Scam Allegation
तपती गर्मी में विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 30, 2024, 3:26 PM IST

PAT में धांधली के आरोप (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा (PAT) में धांधली और भाई-भतीजावाद के आरोपों को लेकर गुरुवार को विद्यार्थियों और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार और कुलपति सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. तपती गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच स्टूडेंट और एनएसयूआई कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर इकठ्ठा हुए, जहां कुलपति के खिलाफ छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया गया. इसके बाद कुलपति सचिवालय के बाहर नारेबाजी करते हुए छात्र धरने पर बैठ गए. इनमें कई छात्राएं भी शामिल थी.

विद्यार्थी ऋतु का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूजीसी के 2022 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. साक्षात्कार का वेटेज 100 फीसदी रखा है, जबकि यूजीसी के नियम हैं कि इंटरव्यू का वेटेज 30 फीसदी और लिखित परीक्षा का वेटेज 70 फीसदी होना चाहिए. विश्वविद्यालय की मनमानी से लिखित परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह गए हैं, जबकि जिन्हें साक्षात्कार में अधिक अंक दिए गए हैं उन्हीं को प्रवेश मिल रहा है. ऐसे में मांग की गई कि एक कमेटी से पूरे मामले की जांच करवाई जाए और सभी अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के अंक सार्वजनिक की जाए.

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विवि ने यूजीसी के नियमों का किया उल्लंघन : एक अन्य विद्यार्थी डिंपल का कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा (PAT) में यूजीसी के नियमों का उल्लंघन हुआ है. इसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों के आधार पर प्रवेश होना चाहिए था, लेकिन विश्वविद्यालय इंटरव्यू के अंकों के आधार पर ही प्रवेश दे रही है. इसमें सीधे तौर पर भाई-भतीजावाद फैलाकर चहेतों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. लिखित परीक्षा में अच्छे अंक आने के बावजूद हमारा प्रवेश नहीं हो पा रहा है. उन्होंने मांग की है कि प्रवेश प्रक्रिया में यूजीसी के नियमों की पालना हो. इसी मांग को लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं.

गुपचुप तरीके से किया गया संशोधन : छात्र प्रतिनिधि रामसिंह सामोता का कहना है कि पीएचडी प्रवेश में धांधली की जा रही है. भाई-भतीजावाद के जरिए अपनों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. नोटिफिकेशन जारी होने और लिखित परीक्षा के बाद बच्चों ने स्कोर कार्ड विभागों में जमा करवा दिया. इसके बाद यह तय किया गया कि हमारे अपने लोगों को कैसे फायदा पहुंचाया जाए. इसके लिए नियमों में गुपचुप तरीके से संशोधन किया गया और यूजीसी के नियमों को ताक में रख दिया गया. इसके लिए सीधे सिंडिकेट में यह मुद्दा रखा गया और यूजीसी के नियमों को अनदेखा कर संशोधन किया गया. उन्होंने कहा कि जब तक विद्यार्थियों के साथ न्याय नहीं होता. उनका आंदोलन जारी रहेगा.

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पांच सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन : प्रदर्शन के बाद कुलपति के नाम ज्ञापन भी दिया गया. इसमें उन्होंने PAT-2021-22 में यूजीसी के नियमों की पालना करने, PAT-2021-22 में साक्षात्कार परीक्षा में भाग लेने वाले सभी अभ्यर्थियों के अकादमिक अंक के साथ ही लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के अंक यूपीएससी और आरपीएससी की तर्ज पर जारी करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने PAT को लेकर अकादमिक परिषद के दौरान आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों पर दर्ज करवाए मुकदमे वापस लेने, छात्रावासों में की गई फीस वृद्धि वापस लेने और नए पुस्तकालय भवन को चालू करवाने की भी मांग की है.

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