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LNJP अस्पताल में अतिरिक्त ब्लॉक के निर्माण में 670 करोड़ की गड़बड़ी!, LG ने दिए जांच के आदेश - LNJP hospital Construction case

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 2, 2024, 6:25 PM IST

Updated : Jul 2, 2024, 7:24 PM IST

LNJP hospital construction Scam: केजरीवाल सरकार की फिर मुश्किलें बढ़ सकती है. LG ने लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में एक अतिरिक्त ब्लॉक के निर्माण की जांच करने का आदेश दिया है. आरोप है कि टेंडर राशि में बेतहाशा बढ़ोत्तरी की गई है.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना
उपराज्यपाल वीके सक्सेना (सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सबसे बड़े हॉस्पिटल लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में एक अतिरिक्त ब्लॉक के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उच्च स्तरीय जांच करने की सिफारिश की है. उपराज्यपाल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, एलएनजेपी अस्पताल में एक अतिरिक्त ब्लॉक के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और प्रक्रियाओं के घोर उल्लंघन की बात सामने आ रही है.

कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में एक अतिरिक्त ब्लॉक के निर्माण के लिए 465 करोड़ रुपये की निविदा को चुपचाप बढ़ाकर 1135 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जिससे लगभग दिल्ली सरकार पर 670 रुपये की अनधिकृत देनदारी बढ़ गई. जांच में पाया गया कि लागत में यह भारी बढ़ोतरी स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और लोक निर्माण विभाग की मंत्री आतिशी मार्लेना के नेतृत्व वाले विभागों की स्पष्ट मिलीभगत से हुई है.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जांच सतर्कता विभाग से कहा है कि वह केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से इस मामले में विस्तृत तकनीकी जांच करने के लिए मुख्य तकनीकी परीक्षकों की विशेष टीम गठित करने का अनुरोध करे. वह जांच करे कि नियमों के उल्लंघन की जांच करें. यह समिति दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में चल रही ऐसी सभी परियोजनाओं की भी जांच करेगी.

केजरीवाल सरकार की फिर मुश्किलें बढ़ सकती है (ETV GFX)

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क्या है मामलाः मामला एलएनजेपी अस्पताल में नए बिल्डिंग ब्लॉक के निर्माण से जुड़ा है. इसका निर्माण कार्य 4 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था और निर्माण कार्य 30 महीने में पूरा होने की बात कही गई थी. हालांकि, साढ़े तीन साल बाद भी अभी तक 64 फीसदी काम ही हुआ है. जबकि, लागत 243 फीसदी बढ़ गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस परियोजना को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपा था.

निर्माण कार्य पर मूल रूप से 465 करोड़ रुपये में टेंडर किया गया था. अभी अनुमान और कार्य के दायरे के विस्तार में 1135 करोड़ रुपये तक चला गया है. लोक निर्माण विभाग ने कार्य के दायरे में वृद्धि को लागत से अधिक होने का कारण बताया. लेकिन जहां काम का दायरा केवल 8.61 फीसदी बढ़ा, वहीं लागत में भारी 143 फीसद की वृद्धि हुई.

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दिलचस्प बात है कि इतनी बड़ी लागत का भुगतान विभाग के इंजीनियरों के स्तर पर ही किया गया, जबकि इसे वित्त विभाग और कैबिनेट के पास जाना चाहिए था. गत वर्ष 22 जून को उपराज्यपाल द्वारा सवाल उठाए जाने पर केजरीवाल सरकार लागत से अधिक की मंजूरी के लिए मार्च 2024 में एक कैबिनेट नोट लेकर आई, जो अभी तक लंबित है.

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Last Updated : Jul 2, 2024, 7:24 PM IST

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