लखनऊ:उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी दफ्तर में शनिवार को मशहूर शायर मिर्जा गालिब की प्रसिद्ध मसनवी 'चिरागे दैर' पर आयोजित कार्यक्रम से पहले प्रेस कांन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है. जिसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रसिद्ध कवि और लेखक उदय प्रताप की सराहना की और योगी सरकार को जमकर घेरा.
महाकुंभ और निवेश पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने बजट को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, सरकार ऐसी कोई नीति नहीं बना रही जिससे औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिले. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की वेबसाइट पर भी इन्वेस्टमेंट से जुड़ी जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिससे निवेशकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
महाकुंभ मेले को लेकर भी सपा प्रमुख ने सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि 60 करोड़ लोगों ने स्नान किया, लेकिन सरकार के आंकड़े असल संख्या से कम हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आंकड़े इसलिए छुपा रही है कि बाद में अगर कोई शोध करेगा तो सरकार की पोल खुल जाएगी. इससे प्रबंधन की सच्चाई सामने आ जाएगी. साथ ही अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि सरकार धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. महाकुंभ के आयोजन को 75 दिनों तक बढ़ाने की मांग की. पहले 75 दिन के महाकुंभ हुआ करते थे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने महाकुंभ के दौरान ड्रोन और डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल उस जगह नहीं किया जहां करना चाहिए, जिससे मेले के प्रबंधन में कई खामियां सामने आईं.
व्यापारियों की समस्याओं पर बोले सपा मुखिया
अखिलेश यादव ने कहा जब हम पुलिस मुख्यालय गए थे तो बीजेपी आईटी सेल और समाजवादी पार्टी की मीडिया टीम के साथ ये बात तय हुई थी कि कोई भी अपशब्द का प्रयोग नहीं करेगा, अगर करेगा तो उसी की भाषा में जवाब दी जाएगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के व्यापार सभा के अध्यक्ष की गिरफ्तारी हुई है उनके पेज पर कोई ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट नहीं है जिसके आधार पर गिरफ़्तारी किया जाए. लेकिन बीजेपी समाजवादियों की आवाज दबाना चाह रही है.
यूपी पुलिस पर भी निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह से खाकी वाले बीजेपी की तरह व्वहार कर रहे हैं. हम पुलिस वालों से कहेंगे कि वह वर्दी उतार दें और बीजेपी जिन टोपियां का प्रयोग कर रही है वही टोपी पहनकर थाने में बैठें. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पुलिस विभाग को बीजेपी का अंग बना दिया है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वरिष्ठ कवि उदय प्रताप सिंह की सराहना करते हुए कहा कि वे दुनिया के सबसे बड़े कवि हैं, उन्होंने बताया कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के गुरु रहे उदय प्रताप न केवल राजनीति में बल्कि साहित्य में भी समाज को ऊंचाइयों तक ले गए.
उन्होंने कहा कि उदय प्रताप ने समाजवादी पार्टी के कई प्रसिद्ध गीतों को लिखा, जिनमें पार्टी का झंडा गीत, 2011 में लिखी गई साइकिल पर कविता - "साइकिल पे खूब सवारी, दाम कम, काम भारी" और "मन से मुलायम" गीत शामिल हैं। यही वजह रही कि समाजवादी पार्टी को कई बार सत्ता में आने का अवसर मिला.
अखिलेश यादव ने सरकार की आर्थिक नीतियों, निवेश की कमी, महाकुंभ प्रबंधन और प्रशासनिक लापरवाहियों पर सवाल उठाए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के साहित्यिक योगदान को भी याद किया और कहा कि उदय प्रताप जैसे कवियों की रचनाओं ने पार्टी को मजबूत बनाया.
2027 तो छोड़िए 2047 में भी नहीं है वैकेंसी: केशव मौर्य
इटावा: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इटावा पहुंचकर अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि, उनको भारतीय जनता पार्टी का फोबिया हो गया है और वह 2027 का सत्ताधीश बनने का पोस्टर लगवा रहे हैं, लेकिन मैं इसी इटावा की धरती पर कह कर जा रहा हूं. 2027 तो छोड़िए 2047 तक समाजवादी पार्टी का कोई भी व्यक्ति उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है. यूपी सरकार की उपलब्धियां का सही तरीके से आकलन करें. उनको जो मानसिक दोष है उससे छुटकारा पाने के लिए अच्छे डॉक्टर से अच्छी दवा लें.
अखिलेश जिसके भी साथ गए उसका हुआ बेड़ा गर्क-बीजेपी प्रवक्ता
संभल: यूपी बीजेपी के प्रवक्ता अवनीश कुमार त्यागी ने इंडिया गठबंधन और अखिलेश यादव को लेकर कहा कि वो इंडी गठबंधन था जो तार तार हो चुका है. अखिलेश यादव जिसके भी साथ गए हैं उसका बेड़ा गर्क हुआ है. वहीं दिल्ली की जीत पर कहा कि जनता को मोदी जी के प्रति आस्था और विश्वास है. देश की जनता अब जान चुकी है कि देश का कल्याण मोदी जी के नेतृत्व में ही संभव है. उन्होंने कहा कि जो इधर-उधर भटके हुए थे वह सभी लाइन पर आ गए हैं. देश में मोदी जी और उत्तर प्रदेश में योगी जी के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है.
गोंडा: यूपी के गोंडा दौरे पर शनिवार को आए मंत्री आशीष पटेल ने महाकुंभ पर अखिलेश यादव के कसे तंज पर निशाना साधते हुए कहा कि, ये आस्था का कुंभ अलग अलग देशों से भी लोग आ रहे हैं. किसी को आस्था पर चोट पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है. जिसके पास कुछ कहने को नहीं वह तंज ही कसेगा. आम जनमानस लगातार 2017, 2022 और 2024 में उत्तर दे रहा है. दिल्ली के चुनाव में जवाब दे दिया है.
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