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रेलवे का प्राइवेटाइजेशन नहीं होने देंगे, AIRF की चेतावनी - privatization of railways

13 साल बाद फिर मिलेगी रेलवे यूनियन को मान्यता, नहीं होने देंगे निजीकरण, जरूरत पड़ने पर होगा चक्का जाम

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

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Updated : 3 minutes ago

PRIVATIZATION OF RAILWAYS
AIRF के राष्ट्रीय महामंत्री की पीसी (Photo- ETV Bharat)

हल्द्वानी:ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन (एआइआरएफ) के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा शुक्रवार को उत्तराखंड के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां रेलवे यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय 13 साल बाद रेलवे के यूनियन को फिर से मान्यता और वेरिफिकेशन करने जा रहा है, जो एक अच्छी पहल है.

इस दौरान उन्होंने कहा कि यूनियन पिछले 100 सालों से रेलवे के कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ रही है. ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन सबसे पुरानी यूनियन है. यूनियन का प्रयास पुरानी पेंशन बहाली कराने के साथ ही नई पेंशन योजना के लिए नौकरी की अवधि 25 साल से घटाकर 20 साल कराने का है.

रेलवे का प्राइवेटाइजेशन नहीं होने देंगे (ETV Bharat)

इसके अलावा रेलवे में ऐसे बहुत से काबिल कर्मचारी हैं, जिनकी पदोन्नति नहीं हो पाई है. उनकी लड़ाई भी यूनियन लड़ रहा है. इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों के आवास और बोनस वृद्धि के लेकर भी रेल मंत्रालय से लगातार बात की जा रही है. पिछले 8 सालों में रेलवे कर्मचारियों के बोनस में वृद्धि नहीं हुई है.

वहीं, एआईआरएफ के महामंत्री ने कहा कि रेल को बेचने और निजीकरण की योजना को कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा. रेलवे धरोहर है और इस धरोहर के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे, जरूरत पड़ी तो रेल चक्का जाम किया जाएगा. जब तक ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन जीवित रहेगा, रेलवे का निजीकरण नहीं होने देगा.

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