लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि भारत 2024: कृषि और प्रौद्योगिकी महाकुंभ का शुभारंभ करते हुए नीदरलैंड के कृषि मंत्री व राजदूत का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि डिजिटल तरीके से किस तरह हम किसानों की उपज बढ़ा सकते हैं, इसके लिए इस कृषि महाकुंभ का आयोजन किया गया है. पहली बार आयोजन चंडीगढ़ से हटकर उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहा है. यह काफी मायने रखता है. उत्तर प्रदेश में इस तरह के आयोजन में सीआईआई के साथ मिलकर नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, युगांडा यूके जैसे देशों की इसमें सहभागिता है. कृषि से जुड़े हुए विशेषज्ञ और स्टेकहोल्डर भी सहभागिता कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस प्रकार का आयोजन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत की आबादी में सबसे बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती है. 25 करोड़ की आबादी यूपी में है. भारत की कुल आबादी का लगभग 17 फ़ीसदी यूपी के अंदर निवास करता है. कृषि योग्य भूमि हमारे पास सिर्फ 11 फ़ीसदी है है, लेकिन उत्तर प्रदेश की उर्वरा भूमि, उत्तर प्रदेश के अंदर पर्याप्त संसाधन इस 11 फीसदी भूमि पर देश के खाद्यान्न का 20 फीसदी से भी अधिक उत्पादन करता है. अभी भी इसमें बहुत बड़ी संभावनाएं हैं. मेरा यह मानना है एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, एनिमल हसबेंडरी, फिसरी और डेयरी सेक्टर में वर्तमान में हमने उत्पादन बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है. टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करके हम वर्तमान उत्पादन को तीन से चार गुना बढ़ा सकते हैं. हमारा उद्देश्य कृषि की लागत को कम करना और कैसे हम कृषि में अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी को अपनाकर उसे केमिकल, फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड से मुक्त करके प्रत्येक नागरिक के लिए सुगम बनाने में योगदान दे सकते हैं, इसे व्यापक पैमाने पर बढ़ाने के लिए हमें काम करना होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर पहले से ही 6 कृषि विश्वविद्यालय केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास से संचालित हैं. 79 कृषि विज्ञान केंद्र सक्रिय रूप से संचालित हैं और कुछ और भी संचालित होने वाले हैं. बीज को बाजार तक पहुंचाने की दिशा में एक बेहतरीन प्रयास हमें करना होगा. इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. कृषि को उद्यमिता के साथ जोड़ते हुए कैसे हम व्यापक परिवर्तन कर सकते हैं इसमें भी बहुत कुछ किए जाने की संभावना अभी बनी हुई है. सीएम योगी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में देश में कृषि और किसानों के हित के लिए अनेक कदम उठाए हैं. मृदा परीक्षण का कार्य हो, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का कार्य हो, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और सिंचाई में तकनीक का बेहतरीन उपयोग करके जल उपलब्ध करा सकें, यह सभी तो अब तक थे ही साथ-साथ देश के अंदर 12 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि का लाभ प्राप्त करें और किस तरह सरकारों को घूसखोरी के चंगुल से मुक्त करके स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर सकें, यह इस दिशा में ढेर सारे प्रयास पिछले 10 वर्ष के अंदर हुए. अभी भी हम लोगों के लिए इसमें कार्य करने की आवश्यकता है.