गाजीपुर:इलाहाबाद हाईकोर्ट गैंगस्टर एक्ट में सजा के खिलाफ दाखिल गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी की अपील पर आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने अपील पर लंबी सुनवाई के बाद ने बीती चार जुलाई को निर्णय सुरक्षित कर लिया था.
बता दें कि सपा सांसद अफजाल अंसारी को गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई थी. अफजाल अंसारी ने सजा को रद करने की अपील दाखिल थी. दूसरी ओर राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे ने सजा बढ़ाने की मांग करते हुए अपील दाखिल की थी.
अफजाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी एवं दयाशंकर मिश्र और एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने बहस करते हुए तर्क दिया था कि कृष्णानंद राय हत्याकांड में गैंगस्टर की कार्रवाई अवैधानिक है क्योंकि जिस कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर सपा सांसद पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया, उस हत्याकांड में वह बरी हो चुके हैं.
दूसरी ओर अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने सजा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि किसी आरोपी को उसके राजनीतिक रसूख और उम्रदराज होने के आधार पर कम सजा नहीं दी जा सकती. ऐसा करने से राजनीति में अपराधियों का वर्चस्व बढ़ेगा और आम लोगों का मनोबल टूटेगा.
अफजाल अंसारी और 29 तारीख का क्या है कनेक्शन?
सपा सांसद अफजाल अंसारी के राजनीतिक जीवन में 29 तारीख अशुभ दिन है. आज यानी 29 जुलाई को प्रयागराज हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी को लेकर गैंगस्टर मामले में फैसला आना है. इस फैसले पर उनकी सांसदी टिकी हुई है. बता दें कि 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड का आरोप अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर लगा था. हालांकि इस हत्याकांड में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी सीबीआई कोर्ट से बरी हो चुके हैं. इस केस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, कृष्णानंद राय हत्याकांड के मामले में ही 120 बी के तहत अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ. गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर के मामले में सुनवाई करते हुए अफजाल अंसारी को 4 वर्ष की सजा और मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई थी. यह सजा कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को सुनाई थी. इसके बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता रद हो गई थी. इस सजा के खिलाफ अफजाल हाईकोर्ट चले गए. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी सांसद बहाल कराई. वहीं, हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बीती चार जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था. आज यानी 29 जुलाई को हाईकोर्ट इस केस में अपना फैसला सुनाएगी.
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