वाराणसी: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के बेसमेंट में संचालित कोचिंग वाली घटना ने सभी को हिला कर रख दिया. तीन छात्रों की मौत के बाद पूरे देश में बेसमेंट में चल रही कॉमर्शियल एक्टिविटी को रोकने के लिए जब अभियान शुरू हुआ तो पता चला की हकीकत क्या है.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ईटीवी भारत ने 30 जुलाई को बेसमेंट में चल रहे अवैध कारोबार की हकीकत को उजगार किया था. इस अवैध एक्टिविटी का वाराणसी विकास प्राधिकरण को भी पता नहीं था और उन्होंने खुद ईटीवी भारत से बातचीत में यह स्पष्ट किया था कि उनके पास कोई आंकड़ा ही नहीं है कि बेसमेंट में कितने कारोबार, कहां पर और कब से चल रहे हैं.
लेकिन, ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में जब हकीकत सामने आई तो कार्रवाई शुरू हुई. अब तक वाराणसी विकास प्राधिकरण में शहर के 61 बेसमेंट में कमर्शियल एक्टिविटी को चिह्नित किया है. लगभग 10 ऐसे बेसमेंट मिले हैं जहां कोचिंग और कोचिंग से जुड़ी एक्टिविटी संचालित की जा रही थी. तीन ऐसी एक्टिविटी जहां पर बेसमेंट में लाइब्रेरी संचालित हो रही थी अभी तक वीडीए ने सभी को नोटिस थमा कर इसे खाली करने का आदेश दिया है.
दिल्ली की घटना के बाद बेसमेंट में अवैध तरीके से व्यवसाय कारोबार करने वालों के खिलाफ वाराणसी विकास प्राधिकरण का अभियान लगातार दो दिन से जारी है. इसमें पता चला कि सभी में कमर्शियल एक्टिविटी संचालित हो रही थीं. इन सभी भवन स्वामियों और कारोबार करने वालों को नोटिस थमाया गया है. इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी हुई है. वीडीए फुल एक्शन में है.