लखनऊ : मरीजों को अब जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) से जांचों के लिए बड़े अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. सीएचसी पर ही कम समय में 65 तरह की जांचें हो जाएंगी. इसके लिए सभी केंद्रों पर स्वचलित बायोकेमेस्ट्री व सीबीसी मशीन लगा कर विभाग से रीजेंट की मांग की गई है. अगले महीने से मरीजों को जांचों की सुविधा मिलने की उम्मीद है.
स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि राजधानी में सीएमओ के अधीन 20 सीएचसी और 82 पीएचसी का संचालन हो रहा है. पीएचसी पर न होने वाली जांच सीएचसी से कराई जाती है. अभी तक सीएचसी पर 15-20 जांचों की सुविधा है. बीकेटी, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, माल, मलिहाबाद, काकोरी, चिनहट समेत अन्य सीएचसी पर हॉर्मोनल, बॉयोकेमेस्ट्री, थॉयराइड समेत अन्य जांचों के नमूने एकत्र कर लोकबंधु या दूसरे बड़े अस्पताल भेजे जाते हैं. जांच रिपोर्ट आने में करीब 24 से 36 घंटे लग जाते हैं.
इससे मरीजों का सटीक इलाज शुरू करने में डॉक्टरों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है. लिहाजा गंभीर मरीज निजी केंद्रों पर महंगी जांच कराते हैं. अब शासन के निर्देश पर सीएचसी पर स्वचलित बायोकेमेस्ट्री व सीबीसी मशीन लगाई गई हैं. जांचों के लिए रीजेंट की मांग सीएमओ से हुई. ताकि, जांचों का ग्राफ बढ़ाया जा सके. अफसरों का कहना है नई मशीन से सीएचसी पर 65 से अधिक तरह की जांच हो जाएगी. अलीगंज सीएचसी प्रभारी डॉ. शोभनाथ ने बताया नई मशीन स्थापित हुई है. अभी जिन जांच की सुविधा नहीं है वह नमूने बड़े अस्पताल भेजे जा रहे हैं. वहीं, सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि जांचे बढ़ने से मरीजों को राहत मिलेगी. स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विभाग प्रयासरत है.
ये जांचें शुरू होंगी : डी डाइमर ब्लड में क्लॉट की जांच, सीरम क्रिटनिन ब्लड यूरिया, एसजीपीटी, एसजीओटी, टोटल प्रोटीन, टोटल कोलस्ट्राल, सिरम यूरिक एसिड, आयरन, सोडियम, पोटेशियम, सीरम वीएलडीएल, सीरम एचडीएल, सीरम एलडीएल, सीरम जीजीटी, समेत अन्य जांचों की सुविधा मिलेगी.