बिहार

bihar

ETV Bharat / state

कीचड़ में पैर और कंधे पर खाट.. डिलिवरी के लिए इस तरह अस्पताल जाती हैं गर्भवती महिलाएं, आज भी गांव में सड़क नहीं - Road Problem In Kaimur

Banjariya Village Of Kaimur: आजादी के 78 साल होने के बाद भी कैमूर के बंजरिया गांव में जानें के लिए सड़क नहीं बनी है. मुख्य सड़क से 1.5 किमी की दूरी होने के बाद भी बरसात के दिनों में कीचड़ से होकर डिलिवरी के लिए मिलाओं को खाट पर जाना पड़ता है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

No Road Built In Banjariya Village
Banjariya Village Of Kaimur (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 3, 2024, 11:00 AM IST

कैमूर के इस गांव में नहीं बनी सड़क (ETV Bharat)

कैमूर: जहां सरकार बिहार को डिजिटल राज्य बनाने का दावा कर रही है, तो वहीं धरातल पर आज भी ये विकास से काफी दूर नजर आ रहा है. कैमूर जिला के भभुआ प्रखंड के बंजरिया गांव के लोग आज आजादी के 78 साल होने के बाद भी सड़क के लिए तरस रहे हैं. यहां बरसात में कीचड़ से होकर जानें के लिए लोग मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री के कैमूर आगमन पर इसकी शिकायत करेंगे.

खाट से पहुंचाया जाता है हॉस्पिटल: वहीं बंजरिया गांव के ग्रामीण ने बताया कि आजादी के बाद से ही वो लोग आस लगाए बैठे हैं कि कब गांव को सड़क से जोड़ा जायेगा. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों मे मिट्टी का रास्ता होने के चलते आना जाना मुश्किल है. अगर कहीं कोई शख्स बीमार हो जाए या महिलाओं की डिलिवरी होनी है तो खाट पर लाद कर इसी कीचड़ भरे रास्ते से होकर हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है, जिसमे काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

"दूसरों को खाट से हॉस्पिटल ले जाने के दौरान पैर पिछलने से गिर भी जाते हैं. तब बहुत तकलीफ होती है कि एक मरीज को ले जा रहे थे और खुद एक मरीज हो गए. गांव की महिलाओ को प्रसव के लिए खाट पर ले जाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है."-भृगु बिंद, स्थानीय

जीप सदस्य ने लिया जायजा (ETV Bharat)

भभुआ मोहनिया मुख्य पथ से 1.5 किलो मीटर दूर:बरसात के दिनों मे गांव के बच्चों का स्कूल जाना तक दुस्वार हो जाता है. सड़क बनाने के लिए आवेदन देकर न जाने कितने वर्षो से जन प्रतिनिधि हो या अधिकारी लोग सभी से गुहार लगाकर थक चुके हैं. हालांकि आज तक गांव में आने के लिए सड़क नहीं बना. गांव भभुआ मोहनिया मुख्य पथ से 1.5 किलो मीटर की दूरी पर ही पड़ता है लेकीन आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया.

कीचड़ में चलने को लोग मजबूर (ETV Bharat)

जिला परिषद सदस्य ने लिया जायजा: वहीं ग्रामीणों की सूचना पर बंजरिया गांव पहुंचे जिला परिषद सदस्य भभुआ विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने कहा कि इस गांव में आने के लिए सड़क नहीं है. जहां वो खुद चप्पल हांथ में लेकर कीचड़ से होते हुए आए हैं. जिसके बाद उन्हें पता चला की यहां के ग्रामीणों को कितनी परेशानी होती होगी. इस गांव में आने के लिए सड़क तत्काल बनाया जाय जिसके लिए कैमूर पदाधिकारी से बात कर के सड़क बनवाया जायेगा.

"सरकार का स्पष्ट निर्देश की हर सड़क को मुख्य मार्ग से जोड़ना है, फिर भी जिला में बहुत ऐसे गांव हैं, जो सड़क से वंचित है. अधिकारियो के लापरवाही के चलते कई गांव सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं."- विकास सिंह, सदस्य भभुआ

ये भी पढ़ें

लो बन गयी बात ! अधिकारियों-नेताओं ने जब नहीं सुनी गुहार तो चंदा जुटाकर ग्रामीणों ने चचरी पुल कर डाला तैयार - CHACHARI BRIDGE

कभी देखा है 'सरकारी चचरी पुल'? दो राज्यों को जोड़ने के लिए बिहार सरकार ने इसे खड़ा कर दिया - Bagaha Bamboo Bridge

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, देखिये कैसे जान जोखिम में डाल कर पुल पार कर स्कूल जाते हैं छात्र - DANGEROUS CHAHARI BRIDGE

ABOUT THE AUTHOR

...view details