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हरियाणा सरकार के पाले में आदि बद्री बांध के निर्माण की गेंद, खट्टर सरकार की हरी झंडी का इंतजार

Adi Badri Dam: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के अंतर्गत नाहन विधानसभा क्षेत्र और हरियाणा के यमुनानगर जिले की सीमा पर स्थित आदि बद्री में सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के लिए यहां बांध का निर्माण किया जाना है. वहीं, बांध निर्माण की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अब इसके निर्माण के लिए सिर्फ हरियाणा की खट्टर सरकार की परमिशन का इंतजार है. पढ़ें पूरी खबर...

Adi Badri Dam
Adi Badri Dam

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 5:16 PM IST

सिरमौर:हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर आद्रि बद्री में बांध के निर्माण की गेंद अब पड़ोसी राज्य हरियाणा सरकार के पाले है. इस बांध का निर्माण हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाना है. सूत्रों के अनुसार बांध निर्माण को लेकर हरियाणा सरकार ने प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को जियोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन का कुछ कार्य सौंपा था, जिसे कॉर्पोरेशन ने पूरा कर दस्तावेज हरियाणा सरकार को सौंप दिए हैं. बताया जा रहा है कि बांध निर्माण की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अब इसके निर्माण के लिए सिर्फ हरियाणा की खट्टर सरकार की हरी झंडी का इंतजार है.

दरअसल हिमाचल के सिरमौर जिला के अंतर्गत नाहन विधानसभा क्षेत्र और हरियाणा के यमुनानगर जिले की सीमा पर स्थित आदि बद्री में सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के लिए यहां बांध का निर्माण किया जाना है. नाहन विधानसभा क्षेत्र की मात्तर पंचायत में 31.72 हैक्टेयर भूमि में बांध का निर्माण कार्य होगा. इसकी चौड़ाई 101.06 मीटर और ऊंचाई 20.5 मीटर होगी. इस पर करीब 215.33 करोड़ रुपए की लागत आएगी. बताया जा रहा है कि बांध बनने से करीब 3 से 4 किलोमीटर लम्बी झील बनेगी. बांध में हर वर्ष 224.58 हेक्टेयर मीटर पानी का भंडारण होगा. बांध का निर्माण हरियाणा सरकार द्वारा करवाया जाएगा. इसके बनने से 61.88 हैक्टेयर मीटर पानी हिमाचल और शेष करीब 162 हैक्टेयर मीटर पानी हरियाणा को मिलेगा. इस पानी को सरस्वती नदी में प्रवाहित किया जाएगा.

धार्मिक व पर्यटन स्थलों को मिलेगा बढ़ावा:पर्यटन की दृष्टि से यह बांध बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा. इससे आदिबद्री, लोहागढ़, कपालमोचन, माता मंत्रादेवी आदि में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. बांध के साथ-साथ झील बनने से पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यहां बहुत से पर्यटक भी आएंगे. इससे दोनों प्रदेशों को लाभ मिलेगा.

धरातल पर दिखेगी सरस्वती नदी:सरस्वती नदी को पुनजीर्वित करने के उद्देश्य से 21 जनवरी 2022 को पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में आदि बद्री बांध निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षर किया गया था. दोनों प्रदेश इस पर मिलकर कार्य करेंगे. बांध निर्माण के बाद सरस्वती नदी केवल वैदिक मंत्रों या पौराणिक पुस्तकों में ही नहीं, बल्कि धरातल पर भी नजर आएगी. आदि ब्रदी स्थान को सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी बताया जाता है.

'हरियाणा सरकार के आगामी निर्देशों का इंतजार':हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक आरके चौधरी ने पुष्टि करते हुए बताया कि आदि बद्री बांध के निर्माण के लिए कॉर्पोरेशन को सौंपे गए जियोलॉजिकल इंन्वेस्टीगेशन के कार्य को पूरा कर दस्तावेज हरियाणा सरकार को सौंप दिए है. हरियाणा सरकार के निर्देशों के मुताबिक ही बांध निर्माण को लेकर आगामी कार्य किया जाएगा. इस बांध का निर्माण पावर कॉर्पोरेशन द्वारा ही किया जाना है.

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