हिसार: विधानसभा चुनाव की लड़ाई अब खत्म हो चुकी है. अब बारी है जनता के फैसले की. आज जनता जनार्दन अपना फैसला सुनाएगी कि सत्ता की कुर्सी किसकी होगी और किसको बैठना पड़ेगा विपक्ष में. इस बीच प्रदेश में कई हाई प्रोफाइल सीटें हैं, जहां पूरे देश की निगाहें हैं. क्योंकि यहां से कद्दावर नेता अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इन्हीं सीटों में से एक है हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट, जहां भव्य बिश्नोई की साख दांव पर है.
जिले की आदमपुर सीट हरियाणा जिले में हॉट सीट मानी जा रही है. इस सीट से पूर्व दिवंगत सीएम चौधरी भजनलाल के परिवार के अलावा आज तक कोई भी अन्य प्रत्याशी नहीं जीत पाया. इस सीट से पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल, उनकी पत्नी जसमा देवी, उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई, रेणुका बिश्नोई व कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई विधायक चुनते आ रहे हैं. इस बार भी पूर्व सांसद कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई बीजेपी से चुनाव लड़ा हैं. वहीं कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा के नजदीकी पूर्व आईएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश ने ताल ठोका हैं. आप पार्टी से भूपेंद्र बैनीवाल व इनेलो बसपा गठबंधन से रणदीप लोबहच चुनावी मैदान में हैं. सीधे तौर से मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.
उपचुनाव जीतकर अपनी विधानसभा चुनाव पारी की शुरुआत करने वाले भव्य बिश्नोई दूसरी बार विधायक बनने के लिए चुनाव में उतरे हैं. कांग्रेस ने यहां ओबीसी में आने वाले जांगड़ा समाज के चंद्रप्रकाश को प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है.
अलग-अलग दल से लड़ने के बाद भी जीते :भव्य बिश्नोई आदमपुर से भाजपा के टिकट पर एक उपचुनाव जीत चुके हैं. आदमपुर की सीट पर चौधरी भजनलाल 9 बार विधायक बने हैं. भजनलाल ने 1968, 1972 का चुनाव कांग्रेस से लड़कर जीता. 1977 में वो जनता पार्टी के विधायक बने. 1982 में फिर कांग्रेस से जीते. वर्ष 1987 में चौधरी देवीलाल की आंधी में भी यहां चौधरी भजनलाल की पत्नी जसमा कांग्रेस की विधायक बनी. 1996, 1998, 2000 और 2005 में चौधरी भजनलाल कांग्रेस के टिकट पर ही जीतकर चंडीगढ़ पहुंचे.
वहीं, कुलदीप बिश्नोई 1998 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. कुलदीप यहां से 2009 और 2014 में हजकां के टिकट पर जीते. रेणुका बिश्नोई भी यहां से हजकां के टिकट पर जीत चुकी हैं. भजनलाल की पत्नी जसमा देवी एक बार, बेटा कुलदीप 4 बार, एक बार पुत्रवधू, पोता भव्य बिश्नोई एक बार यहां से विधायक बन चुका है. इस परिवार ने कांग्रेस, हरियाणा जनहित कांग्रेस, भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते हैं. यहां सबसे अधिक बार कांग्रेस के निशान पर जीत मिली है.
इस बार कांग्रेस ने चंद्रप्रकाश पर खेला दांव :चौधरी भजनलाल, कुलदीप बिश्नोई, भव्य बिश्नोई के सामने अधिकतर जाट प्रत्याशी ही मैदान में उतारे गए हैं. एक बार ब्राह्मण समाज से प्रो. गणेशीलाल, एक बार बिश्नोई समाज से कुलबीर बैनीवाल को उतारा गया. इस बार कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशी को उतारा है जो कभी भजनलाल के सबसे करीबी रहे पंडित रामजीलाल जांगड़ा के परिवार से आते हैं.