मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :छत्तीसगढ़ का हसदेव क्षेत्र हरे भरे पेड़ों और नदियों के लिए मशहूर है.एक और चीज इस क्षेत्र को अनोखा बनाती है.ये चीज है काला हीरा.जमीन के अंदर मौजूद इस काले हीरे के कारण इस क्षेत्र का नाम अदब से लिया जाता है.क्योंकि छत्तीसगढ़ के राजस्व में सबसे बड़ा योगदान इसी काले हीरे का है.यही नहीं भारत की मिनी रत्न कंपनियों में भी इस काले हीरे की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता.लेकिन आज इस काले हीरे यानी कोयले की कालाबाजारी और चोरी के कारण शासन को करोड़ों का चूना लग रहा है.फिर भी आज तक कोयला चोरी रोकने के लिए कोई मास्टर प्लान ना तो कोल इंडिया के पास है और ना ही स्थानीय प्रशासन के पास.चिरमिरी क्षेत्र की बात करें तो बड़ी आसानी कोयला चोर अपना काम कर रहे हैं.लेकिन इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती.
अवैध कोयला ले जाते ट्रक पकड़ाया : कोलयांचाल क्षेत्र चिरमिरी में पुलिस ने अवैध कोयले से भरा एक ट्रक पकड़ा. ट्रक में 100 बोरियों से भी ज्यादा अवैध कोयला लोड था.पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को भी अरेस्ट किया है. पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि चिरमिरी खुली कोयला खदान के सीमावर्ती क्षेत्र से अवैध कोयला उत्खनन कर बोरियों में भरकर ट्रक में लोडकर पोड़ी बचरा ईट भट्ठे में खापने के लिए जा रहा था. चिरमिरी पुलिस ने बड़ी बाजार के पास घेराबंदी कर अवैध कोयला से भरे ट्रक को ड्राइवर समेत दबोचा.
कोल माफिया की हो रही है चांदी :चिरमिरी में अवैध कोयला का कारोबार दिन दूना और रात चौगुना फल फूल रहा है.कोल माफिया बिना किसी डर के खदानों से कोयला चोरी करवाते हैं फिर इसे ईंट भट्टी और होटल में खपाया जाता है. चिरमिरी क्षेत्र में ही अवैध कोयले से सैकड़ों ईट भट्ठे बड़े पैमाने चल रहे हैं. लेकिन कार्रवाई सिर्फ ट्रक चालकों पर ही रही है. वहीं कोल माफिया बिना किसी कार्रवाई के बच निकलते हैं.इन कार्रवाई करने का काम खनिज विभाग और राजस्व का है.लेकिन अफसोस इनकी नींद कभी टूटती नहीं. वहीं तहसीलदार की माने तो कोल माफिया पर कार्रवाई की जा रही है.लेकिन हकीकत कुछ और ही है.