नूंह: जिले की ग्राम पंचायतों में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध शिकायतों पर प्रशासनिक कार्रवाई जारी है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने वालों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें हुई हैं. इसी कड़ी में संज्ञान लेते हुए बृहस्पतिवार को जिला उपायुक्त ने जिले की 6 ग्राम पंचायत से निर्वाचित सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई की है.
जिन सरपंचों पर कार्रवाई की गई है उनमें दो पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता मिलने पर कार्रवाई की गई है, जबकि चार के शैक्षणिक दस्तावेज जांच में फर्जी पाये गये हैं. ग्राम पंचायत रोजकामेव और डूंगेजा सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप था, जबकि ग्राम पंचायत सालाका, सिरौली, आंधाकी और बढा की महिला सरपंचों के शैक्षणिक दस्तावेज जांच में फर्जी पाए जाने को लेकर कार्रवाई हुई है. डूंगेजा सरपंच को निलंबित किया गया बाकी को बर्खास्त करने के आदेश जारी हुए हैं.
नूंह जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के आदेश के मुताबिक ग्राम पंचायत सालाका, सिरौली, आंधाकी और बढ़ा गांव की निर्वाचित हुई महिला सरपंचों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा था. सिरौली, आंधाकी और बढ़ा की तीनों सरपंचों ने नामांकन पत्रों में जो अपने आठवीं के शैक्षणिक दस्तावेज लगाए थे, वो सभी मथुरा उत्तर प्रदेश लक्ष्मी नगर के प्रेम बाल जूनियर हाई स्कूल के नाम पर जारी हुए थे. मामले में की गई शिकायत की जांच हुई तो यह खुलासा हुआ. उत्तर प्रदेश मथुरा से संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी जांच में बताया कि उपरोक्त दस्तावेजों के संबंध में कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला है.
इसी प्रकार सालाका की महिला सरपंच ने नामांकन पत्रों में फर्जी दस्तावेज लगाए थे. जिनके दस्तावेजों में जांच के दौरान भारी गड़बड़ी मिली. अलग-अलग स्कूलों में उनका पंजीकरण मिला. जांच के दौरान नूंह डीसी की ओर से आरोपी महिला सरपंचों को कई बार पत्राचार करने कर अपना पक्ष रखने और जांच में सहयोग के लिए तलब किया, लेकिन महिला सरपंच जांच में शामिल नहीं हुई. आखिर में चेतावनी भी दी गई कि यदि अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित नहीं हुए तो कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में यह तय माना जा रहा था कि इन सरपंचों पर गाज गिरेगी.