राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

खनन विभाग के फोरमैन जेपी मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज, 205 फीसदी ज्यादा मिली संपत्ति - ACB Action in kota - ACB ACTION IN KOTA

एसीबी ने खनन विभाग के फोरमैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया है. साल 2016 में उसे रिश्वत लेते हुए एसीबी ने ट्रैप किया था. इसके बाद जांच में उसकी संपत्ति 205.70 फीसदी ज्यादा मिली है.

आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज
आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज (ETV Bharat Kota)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 26, 2024, 7:49 PM IST

कोटा :भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने खनन विभाग के फोरमैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया है. एसीबी टीम ने साल 2016 में रिश्वत के मामले में फोरमैन को गिरफ्तार किया था. इस मामले के बाद उनके घर की तलाशी ली गई थी, जिसकी पूरी जांच पड़ताल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम कर रही थी. इस मामले में जांच पूरी होने पर मुख्यालय प्रकरण को भिजवाया गया. इसके बाद एसीबी के उच्चअधिकारियों के निर्देश पर उसके खिलाफ आय से अधिक का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

खनन विभाग का माइनिंग फोरमैन जगदीश प्रसाद मीणा पहले कोटा में ही तैनात था, लेकिन वर्तमान में भरतपुर में उनकी ड्यूटी चल रही है. मूल रूप से आरोपी सवाई माधोपुर के श्यामपुरा का निवासी है. जांच के समय उसकी संपत्ति 205.70 फीसदी ज्यादा मिली है. इसी कारण उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण दर्ज किया गया है.

इसे भी पढ़ें-एसीबी ने जलदाय विभाग के एक्सईएन को डेढ़ लाख की रिश्वत संग दबोचा - ACB ACTION

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोटा विजय स्वर्णकार का कहना है कि उनकी संपत्ति 8,18,899 ज्यादा मिली थी. यह करीब 205.70 फीसदी ज्यादा है, जबकि जिस समय सीमा की जांच पड़ताल एसीबी ने की थी, उस दौरान उसकी आय महज 3,99,334 थी, जबकि उनके पास संपत्ति 12,18,223 थी. ऐसे में इस जांच पड़ताल के बाद ही मामले को जयपुर भेज दिया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद इस पूरे मामले की जांच पड़ताल भी एसीबी कोटा के निरीक्षक देशराज गुर्जर कर रहे हैं.

बताया था माइनिंग कंपनियों का कर्मचारी :एसीबी के एएसपी विजय स्वर्णकार का कहना है कि जांच पड़ताल के दौरान उनकी खरीदी हुई संपत्ति, भूखंड, मकान, पॉलिसी के अलावा खातों में आया पैसा और भुगतान किए गए पैसे का पूरा रिकार्ड देखा गया है. आरोपी ने साल 2007 से 2010 तक रामपुरा की आगूचा माइंस की फर्म धनसार इंजीनियरिंग में सहायक मैनेजर के रूप में कार्यरत होना बताया. वहीं, इसके बाद 2010 से 2013 तक एएसआई कंपनी रामगंजमंडी में मैनेजर के पद पर कार्य होना बताया था, लेकिन इस पूरी अवधि में दोनों जगह कार्य का वेतन संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details