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राज्यसभा चुनाव हारे सिंघवी ने पर्ची सिस्टम के प्रावधान को दी हाई कोर्ट में चुनौती, दाखिल की याचिका - Abhishek Manu Singhvi Reaches HC

Abhishek Manu Singhvi: राज्यसभा चुनाव में 34-34 वोट मिलने के बाद हारन वाले कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने पर्ची सिस्टम को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. ये वही पर्ची सिस्टम है जो चुनाव में दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिलने पर अपनाया जाता है और इसी सिस्टम की वजह से अभिषेक मनु सिंघवी भी राज्यसभा चुनाव हारे थे. आखिर क्या है पूरा मामला, पढ़ें

SINGHVI CHALLENGED DRAW OF LOTS
हिमाचल कांग्रेस के राज्य सभा प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 6, 2024, 2:52 PM IST

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी मीडिया से बात करते हुए

शिमला: हिमाचल से राज्यसभा चुनाव में हारने वाले कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्य सभा चुनाव की प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दी है. अभिषेक मनु सिंघवी ने निजी रूप से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट पहुंचकर एक याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि ड्रा ऑफ लॉट्स के जिस नियम के तहत राज्य सभा सीट का परिणाम निकाला गया, वो सही नहीं है.

सिंघवी ने की चुनाव रद्द करने की मांग

अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी याचिका में अदालत से इस चुनाव को रद्द करने की मांग उठाई है. सिंघवी ने कहा कि पर्ची में जिसका नाम निकले, वह चुनाव हार जाए, ऐसा कानून में कोई नियम नहीं है. यह सिर्फ परंपरा के तौर पर प्रचलन में आया है. उन्होंने चुनाव में बराबर वोट मिलने पर होने वाले ड्रा ऑफ लॉट्स की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए चुनाव रद्द करने की मांग उठाई है.

"याचिका में महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दे उठाए हैं. इसमें कोई राजनीति नहीं है. बराबर वोट मिलने के बाद टाई हुआ और इसमें जिसका नाम निकले वो चुनाव हार जाए. ये धारणा, ये प्रचलन कानूनी रूप से गलत है."- अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस नेता

राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ था

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए 27 फरवरी को वोटिंग हुई थी. कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल में 40 विधायकों वाली पूर्ण बहुमत की सरकार थी, सो ये इकलौती राज्यसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय था. लेकिन बीजेपी ने हर्ष महाजन के रूप में अपना उम्मीदवार भी उतार दिया. जबकि सदन में बीजेपी के सिर्फ 25 विधायक थे. इसके अलावा हिमाचल विधानसभा में 3 निर्दलीय विधायक भी थे. मतदान के दिन कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया. जिसके कारण दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिल गए और इसके बाद ड्रॉ ऑफ लॉट्स की प्रक्रिया यानी पर्ची निकाली गई. जिसमें बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत हुई.

राज्यसभा चुनाव में हारने वाले अभिषेक मनु सिंघवी इसी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं. नियम के तहत बताया गया कि बराबर वोट मिलने के केस में फैसला दोनों के नामों को लिखकर पेटी में बंद कर दिया जाएगा और पेटी से जिसका नाम निकलेगा उसे हार का सामना करना पड़ेगा. पेटी से अभिषेक मनु सिंघवी का नाम निकला और वो चुनाव हार गए. अब सिंघवी इसी पेटी से निकाले गए नाम वाले नियम को कोर्ट में चैलेंज कर रहे हैं.

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