नई दिल्ली: संसद के मौजूदा सत्र के दौरान शुक्रवार को आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा में यमुना नदी की दुर्दशा मुद्दे को उठाया. उन्होंने उपसभापति को संबोधित करते हुए कहा कि युगों-युगों से पूजी जाने वाली मां यमुना आज वेंटिलेटर पर है. गंदी सियासत और आपराधिक लापरवाहियों ने आज यमुना को नाला बनाकर छोड़ दिया है. बीते कुछ समय से यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा अधिक होने से इस मौसम में भी नदी में झाग फैला हुआ है.
आम तौर पर बारिश के मौसम में यमुना का पानी साफ होता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने संसद में यमुना नदी को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की. शुक्रवार को स्वाति मालीवाल ने संसद सत्र के शून्यकाल में यमुना नदी की गंभीर दुर्दशा पर जोर देते हुए अपनी बात कही. उन्होंने कहा, यमुना नदी को दिल्ली की महत्वपूर्ण जीवनरेखा के रूप में वर्णित किया गया है. जिसे अक्सर वेदों और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में पूजनीय माना गया है. हालांकि, नदी की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए जीवन और पवित्रता का प्रतीक मानी जाने वाली यमुना, सरकार की विफलताओं के कारण अब एक प्रदूषित नाले में बदल गई है.
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उन्होंने नदी की बिगड़ती स्थिति को दर्शाते हुए चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए सदन में कहा कि 22 नाले, हर दिन 238 मिलियन गैलन अवशोधित सीवेज यमुना में छोड़ते हैं. अब नदी में पानी की बजाय झाग अधिक है, जिसका प्रमुख कारण दिल्ली से उत्पन्न प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल है. जोकि नदी के कुल प्रदूषण का 76 फीसद है. दिल्ली में 55 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता है, लेकिन केवल 35 ही चालू हैं और इनमें से 22 मानक के अनुसार सीवेज ट्रीटमेंट नहीं कर रहे हैं.
स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की, और 2021 में यमुना नदी को 2025 तक साफ करने के लिए किए गए वादे का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी में नियमित रूप से भारी धातु और विषैले रसायन डाले जाते हैं, जो दिल्ली के नागरिकों और वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं. स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार से तत्काल कार्रवाई करने और अपने वादों को पूरा करने की अपील की. उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस प्रयास में दिल्ली का समर्थन करने का आग्रह किया. मालीवाल ने इन पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त की.
"यमुना के किनारे बैठी, अब भी वो चिड़िया कहती है,
सपने हसीन दिखाए थे सरकार ने, आज भी मेरी यमुना ज़हर पीके बहती है.
वादा था यमुना को शुद्ध बनाऊँगा, पहली डुबकी ख़ुद लगाऊँगा.
डुबकी चाहे अब मत लगाओ,
अहंकार छोड़ो; काम पर लग जाओ,
मेरी यमुना को मौत से बचाओ"
बता दें कि यमुना नदी की दशा सुधारने के लिए 1993 में यमुना एक्शन प्लान बनाया गया था. इस योजना के तहत 25 वर्षो के दौरान 1514 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. बात अगर दिल्ली सरकार की करें तो यमुना की सफाई के लिए 2018 से 2021 के बीच करीब 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. नए वित्त वर्ष में यमुना की सफाई से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए बजट में 266 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. दिल्ली में युमना नरेला, बुराड़ी, तिमारपुर, चांदनी चौक, जंगपुरा, लक्ष्मीनगर, पटपड़गंज, कृष्णा नगर, गांधी नगर और ओखला विधानसभा क्षेत्रों से गुजरती है.
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