नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची से नाम काटने का मामला तूल पकड़ रहा है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर तमाम नेता लगातार कह रहे हैं कि मतदाता सूची में संशोधन का जो काम चल रहा है, इसमें बीजेपी की शिकायत पर भारी पैमाने पर वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं. इनमें जिन बूथों पर आप को अधिक वोट मिला है, वहां के वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं. इस बीच दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और इस प्रक्रिया को विस्तार से बताया.
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई. जिसमें विशेष सारांश अभियान के दौरान हुई गतिविधियों से सबको अवगत कराया. मुख्य चुनाव अधिकारी ने बैठक में वोट डिलीट करने की पूरी प्रक्रिया को बारीकी से समझाया. यह बात पूरी तरह सभी दलों को बताई गई कि दिल्ली में कितने फॉर्म 7 भरे गए हैं, कितने फॉर्म 6 भरे गए हैं. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एलिस वाज दिल्ली की मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त हुई हैं. विधानसभा चुनाव से पहले इनकी नियुक्ति के बाद यह पहली सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी थी. 24 दिसंबर तक प्राप्त दावे और आपत्तियां का निस्तारण कर दिया जाएगा और 6 जनवरी 2025 को फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन होगा.
उन्होंने बताया कि फॉर्म नंबर 7 जो वोट डिलीट करने के लिए भरा जाता है. उसको वेरीफाई पहले बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के द्वारा किया जाता है और उसके बाद ईआरओ नोटिस देता है, बिना उसके कोई भी कार्रवाई नहीं होती है. किसी भी विधानसभा में पिछले महीनों में कोई भी ऐसा आंकड़ा नहीं था जिससे यह पता चलता हो कि कोई भी राजनीतिक दल वोट कटवाने के लिए फॉर्म भर रहा है.
इस बैठक में दिल्ली बीजेपी के निर्देश पर चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक संकेत गुप्ता, सहसंयोजक संजय कपूर, मोहित उपस्थित रहे. इन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी का दिल्ली में जनता के बीच में वोट कटवाने का झूठा एजेंडा जो आम आदमी पार्टी के द्वारा चलाया जा रहा था उसका सही प्रक्रिया और जिला अनुसार ब्यौरा सभी राजनीतिक दलों के सामने रखकर उनके झूठे आरोपों को बेनकाब करने पर धन्यवाद दिया. मुख्य चुनाव अधिकारी से यह अपील भी की इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में रोहिंग्या बांग्लादेशी लोग वोट ना डाल पाए. इसकी समुचित व्यवस्था की जाए और फर्जी वोटरों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.