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बेरीनाग के कालीताल में डूबते-डूबते बची लखनऊ की युवती, स्थानीय युवाओं ने बचाई जान - Kalital of Berinag

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 19, 2024, 2:15 PM IST

Lucknow girl saved from drowning in Kalital Berinag पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग स्थित कालीताल खतरा बना हुआ है. इस बार कालीताल में लखनऊ की एक युवती डूबते-डूबते बची. लखनऊ से आए पर्यटकों के साथ ये युवती कालीताल में नहा रही थी. अचानक वो गहरे पानी में चली गई. संयोग से उसके दोस्तों ने उसे डूबते हुए देख लिया और शोर मचा दिया. शोर सुनकर स्थानीय युवाओं ने युवती को गहरे पानी से बाहर निकालकर बचा लिया.

Kalital Berinag
बेरीनाग कालीताल समाचार (Photo- ETV Bharat)

कालीताल में डूबते-डूबते बची लखनऊ की युवती. (ETV Bharat)

पिथौरागढ़: बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर कांडे गांव में स्थित कालीताल में लखनऊ से घूमने आये पर्यटकों के साथ एक युवती नहाते हुए अचानक ताल में डूबने लगी. साथियों द्वारा शोर मचाने पर पास में मौजूद युवाओं ने ताल में कूदकर युवती को बाहर निकाला, जिससे युवती की जान बच गई. पर्यटकों ने युवाओं का आभार जताया.

लखनऊ की युवती डूबने से बची: कालीताल में लखनऊ से आये पर्यटकों का दल नहा रहा था. उसमें एक लगभग 22 वर्षीय युवती नहाने के दौरान अचानक डूबने लगी. युवती को डूबते देख साथियों ने शोर मचाया. शोर सुनकर पास मौजूद युवक मनोज धानिक और अन्य युवक ताल में कूद गये. ये युवक उस युवती को बाहर निकाल लाए, जिससे युवती की जान बच गई. युवती ने बताया कि अचानक नहाते हुए आगे गई तो गहराई का पता नहीं चला. डूबते हुए मेरे साथियों ने देख लिया, जिससे मेरी जान बच गई. यदि समय रहते युवती के साथियों को पता नहीं चलता और वहां पर स्थानीय युवक नहीं होते, तो बड़ा हादसा हो सकता था.

पांच मौतों के बाद नहीं हुए सुरक्षा के उपाय:कालीताल में पिछले 6 वर्षों में पांच लोगों को अपनी जिन्दगी से हाथ धोना पड़ा है. उसके बाद भी यहां पर सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम देखने को नहीं मिले हैं. आजकल गर्मी बढ़ने के कारण बड़ी संख्या में दूर दराज क्षेत्रों से यहां पर नहाने और पिकनिक मनाने के लिए युवक पहुंच रहे हैं. लगातार बढ़ती भीड़ फिर हादसे को दावत दे रही है. कुछ युवाओं के द्वारा ताल में 30 फीट की ऊंचाई से छलांग मारकर नहाया जा रहा है. ताल के नीचे बड़े बड़े पत्थर भी हैं. यदि कोई कूदते समय पत्थरों पर पड़ गया, तो बचना मुश्किल होगा. जिस तरह से ताल के पास में बड़ी मात्रा में शराब की खाली बोतलें और गंदगी फैली हुई है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है यह पर्यटक स्थल नहीं एक ऐशगाह बन रहा है. पिछले वर्षों में नहाने के दौरान कई बार युवाओं के बीच मारपीट की घटनाएं हुईं. ये मामले पुलिस तक भी पहुंचे थे. पूर्व में इस ताल पर नहाने के लिए प्रतिबंधित करने की मांग कई बार उठ चुकी है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

पुलिस ने तार बाड़ और चेतावनी बोर्ड भी लगाया:कालीताल में नहाने के लिए प्रतिबंधित करने को लेकर बेरीनाग पुलिस के द्वारा चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया. ताल के चारों और कंटीला तारबाड़ भी किया था, जिससे कोई ताल में नहाने ना जा पाये. लेकिन अराजक तत्वों ने ताल के किनारे पुलिस के द्वारा लगाया गया तार ही गायब कर दिया. पूर्व में पुलिस और स्थानीय प्रशासन के द्वारा नहाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी. उसके बाद भी यहां पर नहाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. यदि समय रहते यहां पर नहाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया, तो फिर हादसा होने से इंनकार नही किया जा सकता है.

हर मौत के बाद जांच और ताल बंद करने की होती है मांग:कालीताल में डूबने से हुई पांच मौतों के बाद हमेशा घटना की जांच और ताल को बंद करने की मांग जोरों से उठती है, लेकिन धीरे-धीरे फिर शांत हो जाती है. ग्राम प्रधान कांडे प्रेमा देवी और पूर्व प्रधान संगठन के अध्यक्ष महेश पंत, जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि भूपी कार्की ने बताया कि ताल में नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध और सुरक्षा के उपाय करने को लेकर कई बार अधिकारियों को पत्र सौंपे जा चुके हैं. इसका नतीजा कुछ नहीं रहा. यदि शीघ्र यहां पर सुरक्षा के कोई ठोस उपाय नहीं किये गये तो फिर हादसा हो सकता है.

मनरेगा और पर्यटन विभाग का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में:दो वर्ष पूर्व यहां पर तत्कालीन एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने ताल में सुरक्षा के उपाय करने और पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए मनरेगा और पर्यटन विभाग से प्रस्ताव बनाकर कार्य करने के आदेश दिए थे. एसडीएम का आदेश भी विभागों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है, जिससे यहां पर कोई भी सुरक्षा के उपाय वर्तमान में नहीं हैं.
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