धनबादः गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरों पर है. देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होना है. ऐसे में धनबाद जिला भी इन तैयारियों में पीछे नहीं है. क्योंकि झारखंड का धनबाद जिला भारतीय गणतंत्र का गवाह है और उन तमाम यादों को आज भी सहेज कर रखा है. धनबाद के राजकीय पुस्तकालय में भारत के संविधान की प्रति मौजूद है. इस लाइब्रेरी का जायजा लिया ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार ने.
गणतंत्र दिवस के इतिहास का गवाह धनबाद राजकीय पुस्तकालय है. साल 1953 में इस पुस्तकालय की स्थापना की गई थी, जिसे आज लोग मास्टर सोबरन मांझी राज्य पुस्तकालय के नाम से जानते हैं. गणतंत्र दिवस पर इस पुस्तकालय का नाम आना लाजिमी है. क्योंकि यहां भारतीय संविधान की एक प्रति मौजूद है. वह भारतीय संविधान जिस पर माननीय से लेकर आम लोगों के अधिकार और कर्तव्य निहित हैं. हमारा देश इसी संविधान पर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है. धनबादवासियों के लिए यह काफी गौरव की बात है. जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार कहते हैं कि धनबाद में भारतीय संविधान की प्रति का होना हमे गौरवान्वित करता है. देश की इतनी बड़ी धरोहर हमारे पास है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की प्रति, पुस्तकालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले छात्रों के बीच एक नई उर्जा भरने का काम करते हैं.
वहीं पुस्तकालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले छात्रों में भी भारतीय संविधान की प्रति को लेकर उत्साह देखने को मिलता है. छात्रों का कहना है कि संविधान की प्रति को हम सामने से देख पाते हैं, इससे हमारे अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा संचार होता है. छात्रों ने कहा कि जिस उद्देश्य के तहत संविधान का निर्माण किया गया था. वर्तमान समय में हमारा देश उन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.