जयपुरः केंद्र सरकार की ओर से रेल बजट 2025-26 में राजस्थान को 9960 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया है. इस बजट में रेल संरक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टेशनों का पुनर्विकास और यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है. सोमवार शाम को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्तुत बजट में भारतीय रेलवे के लिए किए गए प्रावधानों पर वीडियों कान्फ्रेंसिंग में चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 11 वर्षों में रेलवे के विकास के लिए रणनीति में बदलाव करके अधिकाधिक निवेश पर बल दिया गया है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक वर्ष 2025-26 में रेलवे को 2,52,000 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है. रेलमंत्री ने कहा कि भारतीय रेल देश में संरक्षित, तीव्र और आरामदायक रेल यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार है. आने वाले दो से तीन साल में 200 नई वंदे भारत ट्रेनों, 100 अमृत भारत ट्रेनों, 50 नमो भारत रैपिड रेल और 17,500 साधारण श्रेणी गैर-एसी कोचों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है.
रेलवे में संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए इस बजट में 1,16,000 करोड़ रूपए का आंवटन किया गया है. पिछले वर्षों में भारतीय रेलवे पर संरक्षा संबंधित कार्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है. संरक्षा को बेहतर बनाने के लिए रेलवे ट्रैक का उन्नयन और कवच प्रणाली पर मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है.
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राजस्थान को मिला 9960 करोड़ रुपएः रेलमंत्री ने बताया कि राजस्थान बहुत बड़ा प्रदेश है और यहां रेलवे के विकास के लिए अनेकों कार्य प्रगति पर है. वर्ष 2009-14 तक राजस्थान को औसत बजट मात्र 682 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष मिलता था, जिसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2025-26 के बजट में बढ़ाकर 9960 करोड़ रूपए प्रदान किए गए हैं. ये बजट वर्ष 2009-14 के बजट की तुलना में लगभग 15 गुणा अधिक है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में रेल कार्य बहुत तेजी से हो रहे हैं. राजस्थान में स्थित 85 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिनका कार्य बहुत तेजी के साथ प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में राजस्थान में रेलवे ट्रैक पर 1510 फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया गया है. वर्ष 2014 से अब तक 3,784 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया गया है, जो कि डेनमार्क के कुल रेल नेटवर्क से अधिक है. इसके साथ ही राजस्थान में वर्ष 2014 से अब तक 5,143 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया गया है और अब राजस्थान में लगभग शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है.
कवच को लेकर कही ये बातः संरक्षा के बारे में बताते हुए रेलमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे पर कवच प्रणाली का जुलाई 2024 को परीक्षण किया गया था. उसके बाद यह प्रणाली 10 हजार लोको पर स्थापित की गई है और 15 हजार किलोमीटर मार्ग पर डिजायन और इंस्टॉलेसन से संबंधित कार्यों को किया गया है. इसमें आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने, टावर लगाने, डेटा सेंटर स्थापित करने और आरएफआईडी डिवाइस लगाने जैसे कार्य सम्मलित हैं. कवच प्रणाली को सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर 6 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
नई ट्रेनों के संचालन के बारे में रेलमंत्री ने बताया कि 200 नई वंदे भारत ट्रेनों, 100 अमृत भारत ट्रेनों, 50 नमो भारत रैपिड रेल का उत्पादन प्रगति पर है. नमो भारत रैपिड ट्रेन बहुत लोकप्रिय हो रही है और यात्रियों की मांग पर इसे एसी और नॉन एसी कोच के साथ संचालित करने पर कार्य किया जा रहा है.
जीएम बोले, पर्याप्त बजट मिलाःउत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने कहा कि राजस्थान में इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों के लिए पर्याप्त बजट प्रदान किया गया है. आवश्यकतानुसार बजट का व्यय किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य प्रगति पर है. जून माह तक बहुत से स्टेशनों का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन राज्य सरकार के साथ समन्वय करके कार्य कर रही है, जिससे रेल कार्यों को गति मिल सके. उत्तर पश्चिम रेलवे पर दोहरीकरण का कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है और परियोजनाओं में ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली का कार्य भी साथ ही किया जा रहा है.