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खनन के मुद्दे पर फिर बारां में गरमाई राजनीति, सिंघवी के सवाल पर मीणा ने दिया जवाब - RAJASTHAN VIDHANSABHA

खनन के मुद्दे पर फिर बारां में गरमाई राजनीति. सिंघवी बोले- तीन एमएलए के एरिया में अवैध खनन. विधायक मीणा ने कही ये बड़ी बात.

Politics again heated
सिंघवी के सवाल पर मीणा ने दिया जवाब (ETV Bharat Baran)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 10:53 PM IST

बारां: जिले के चारों विधायक भारतीय जनता पार्टी से चुनकर विधानसभा में पहुंचे हैं, लेकिन आपस में फुट अभी से नजर आने लगी है. छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने सोमवार को विधानसभा में अवैध खनन का मुद्दा उठाया. साथ ही आरोप लगा दिया कि बारां जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से उनके अलावा शेष तीन विधानसभा एरिया में अवैध खनन हो रहा है. उन्होंने अंता अटरू बारां और किशनगंज विधानसभा के गांव का नाम भी विधानसभा में बोलते हुए बताया है.

इसके बाद बारां जिले में फिर अवैध खनन के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. सिंघवी के इस बयान पर अंता विधायक कंवर लाल मीणा ने आपत्ति जताई है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के खनन मंत्री रहते हुए बारां जिले में भरपूर मात्रा में अवैध खनन हुआ, तब भी सिंघवी बारां जिले में अकेले भाजपा के विधायक थे. इसके बावजूद भी उन्होंने एक बार भी विधानसभा छोड़कर कहीं आम सभा में भी भाया के खिलाफ बयानबाजी नहीं की. यह भाइचारा निभा रहे थे. अब जब पूरी तरह से वैध खनन हो रहा है तो सरकार को बदनाम करने में जुटे हुए हैं.

पढ़ें : किरोड़ी के आरोपों पर सरकार मौन, इससे साफ कि बजरी खनन में पूरी सरकार की मिलीभगत: डोटासरा - RAJASTHAN VIDHANSABHA

अवैध खनन से माफिया और संगठित गिरोह पनपे, दोषियों पर हो एक्शन : सिंघवी ने विधानसभा में आज उनकी विधानसभा को छोड़कर शेष तीन विधानसभा का नाम लिया, साथ ही कहा कि इनमें अवैध खनन की गतिविधियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और जनजीवन को भी गंभीर खतरे में डाला जा रहा है. प्राकृतिक संसाधन का दोहन किया जा रहा है.

इसके अलावा स्थानीय जल स्रोतों, वन्य जीव और कृषि योग्य भूमि को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. जिले में भूमिगत जल स्तर में भी गिरावट का खतरा बन गया है. पर्यावरण असंतुलन जैसी स्थिति खड़ी हो गई है. स्थानीय जनता के लिए भी सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदायक है. इसके चलते माफिया और संगठित गिरोह सक्रिय हो गए हैं. यह कानून व्यवस्था को भी प्रभावित कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन की मिली भगत के बिना अवैध खनन नहीं हो सकता है. इस पर रोक लगाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई भी हो.

छीपाबड़ौद में हो रहा है अवैध खनन, अंता में पूरा वैध : कंवरलाल मीणा ने तो यहां तक भी कह दिया कि विधायक सिंघवी के खुद के इलाके में छीपाबड़ौद में भारी मात्रा में अवैध खनन हो रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस संबंध में शिकायत भी करेंगे. उन्होंने यह कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री शर्मा से अंता विधानसभा क्षेत्र में खनन की अनुमति जारी करवाने के लिए आग्रह किया था, जिसे पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कांग्रेस शासन में रुकवाया हुआ था. तब यहां पर पूरी तरह से अवैध खनन हो रहा था, लेकिन भाजपा के शासन में अवैध खनन पर लगाम लग गई है और छोटे-मोटे जो गरीब आदमी कोई खनन कर रहा है, उसके अलावा पूरी तरह से वैध खनन हो रहा है.

कांग्रेस शासन काल में भी अवैध खनन का मुद्दा था चर्चा में : बारां जिले में अवैध खनन का मुद्दा बीते दो शासन में चरम पर रहा है. पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया और सांगोद के पूर्व विधायक भरत सिंह के बीच विवाद जग जाहिर था. इस मामले में भरत सिंह बारां जिले के अवैध खनन का मुद्दा कई बार उठा चुके थे. दूसरी तरफ जैसे ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2023 दिसंबर में सत्ता में आई, इसके बाद प्रमोद जैन भाया और उनके कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अवैध खनन के मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. हालांकि, इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

बारां: जिले के चारों विधायक भारतीय जनता पार्टी से चुनकर विधानसभा में पहुंचे हैं, लेकिन आपस में फुट अभी से नजर आने लगी है. छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने सोमवार को विधानसभा में अवैध खनन का मुद्दा उठाया. साथ ही आरोप लगा दिया कि बारां जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से उनके अलावा शेष तीन विधानसभा एरिया में अवैध खनन हो रहा है. उन्होंने अंता अटरू बारां और किशनगंज विधानसभा के गांव का नाम भी विधानसभा में बोलते हुए बताया है.

इसके बाद बारां जिले में फिर अवैध खनन के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. सिंघवी के इस बयान पर अंता विधायक कंवर लाल मीणा ने आपत्ति जताई है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के खनन मंत्री रहते हुए बारां जिले में भरपूर मात्रा में अवैध खनन हुआ, तब भी सिंघवी बारां जिले में अकेले भाजपा के विधायक थे. इसके बावजूद भी उन्होंने एक बार भी विधानसभा छोड़कर कहीं आम सभा में भी भाया के खिलाफ बयानबाजी नहीं की. यह भाइचारा निभा रहे थे. अब जब पूरी तरह से वैध खनन हो रहा है तो सरकार को बदनाम करने में जुटे हुए हैं.

पढ़ें : किरोड़ी के आरोपों पर सरकार मौन, इससे साफ कि बजरी खनन में पूरी सरकार की मिलीभगत: डोटासरा - RAJASTHAN VIDHANSABHA

अवैध खनन से माफिया और संगठित गिरोह पनपे, दोषियों पर हो एक्शन : सिंघवी ने विधानसभा में आज उनकी विधानसभा को छोड़कर शेष तीन विधानसभा का नाम लिया, साथ ही कहा कि इनमें अवैध खनन की गतिविधियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और जनजीवन को भी गंभीर खतरे में डाला जा रहा है. प्राकृतिक संसाधन का दोहन किया जा रहा है.

इसके अलावा स्थानीय जल स्रोतों, वन्य जीव और कृषि योग्य भूमि को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. जिले में भूमिगत जल स्तर में भी गिरावट का खतरा बन गया है. पर्यावरण असंतुलन जैसी स्थिति खड़ी हो गई है. स्थानीय जनता के लिए भी सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदायक है. इसके चलते माफिया और संगठित गिरोह सक्रिय हो गए हैं. यह कानून व्यवस्था को भी प्रभावित कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन की मिली भगत के बिना अवैध खनन नहीं हो सकता है. इस पर रोक लगाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई भी हो.

छीपाबड़ौद में हो रहा है अवैध खनन, अंता में पूरा वैध : कंवरलाल मीणा ने तो यहां तक भी कह दिया कि विधायक सिंघवी के खुद के इलाके में छीपाबड़ौद में भारी मात्रा में अवैध खनन हो रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस संबंध में शिकायत भी करेंगे. उन्होंने यह कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री शर्मा से अंता विधानसभा क्षेत्र में खनन की अनुमति जारी करवाने के लिए आग्रह किया था, जिसे पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कांग्रेस शासन में रुकवाया हुआ था. तब यहां पर पूरी तरह से अवैध खनन हो रहा था, लेकिन भाजपा के शासन में अवैध खनन पर लगाम लग गई है और छोटे-मोटे जो गरीब आदमी कोई खनन कर रहा है, उसके अलावा पूरी तरह से वैध खनन हो रहा है.

कांग्रेस शासन काल में भी अवैध खनन का मुद्दा था चर्चा में : बारां जिले में अवैध खनन का मुद्दा बीते दो शासन में चरम पर रहा है. पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया और सांगोद के पूर्व विधायक भरत सिंह के बीच विवाद जग जाहिर था. इस मामले में भरत सिंह बारां जिले के अवैध खनन का मुद्दा कई बार उठा चुके थे. दूसरी तरफ जैसे ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2023 दिसंबर में सत्ता में आई, इसके बाद प्रमोद जैन भाया और उनके कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अवैध खनन के मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. हालांकि, इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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