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प्रदेश के 90 हजार छात्रों को सर्जरी की जरूरत, शिक्षा और चिकित्सा विभाग मिलकर कराएगा उपचार - 90000 STUDENTS NEED SURGERY

पैपरलैस डिजीटल स्वास्थ्य सर्वे में सामने आया है कि राजस्थान के 90 हजार छात्रों को किसी ने किसी तरह की सर्जरी जरूरत है.

90000 students need surgery
90 हजार छात्रों को सर्जरी की जरूरत (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2024, 11:18 PM IST

जयपुर:सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 90 हजार छात्रों को किसी न किसी तरह की सर्जरी की जरूरत है. इनमें से अधिकतर के हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं पाई गई हैं. जिनका उपचार अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर करवाएगा.

प्रदेश के छात्रों के सर्वांगिण विकास को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अगस्त-सितंबर महीने में पैपरलैस डिजीटल स्वास्थ्य सर्वे कराया था. जिसमें सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों का हैल्थ सर्वे कर ऐसे छात्रों की पहचान की गई जिन्हें मेडिकल नीड्स है. इस डिजीटल सर्वे से मिले आंकड़ों के अनुसार करीब 90 हजार छात्रों में हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं सामने आई है. सर्जिकल रिक्वायरमेंट वाले इन छात्रों का डेटा स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया गया है.

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इस संबंध में शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अब चिकित्सीय सहायता के लिए पहले चरण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग के समन्वय से सर्जरी की आवश्यकता वाले छात्रों की कार्ययोजना बनाकर त्वरित रूप से क्रियान्वयन किया जाना है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी चिह्नित छात्रों की सर्जरी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम के जरिए करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे.

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वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ब्लॉक स्तर से जिले पर भेजे गए चिह्नित विद्यार्थियों की सर्जरी जिला अस्पतालों में कराएंगे और जो सर्जरी जिला अस्पताल स्तर पर उपलब्ध न हो उसे राज्य स्तर पर करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि किसी छात्र का परिवार RBSK के अन्तर्गत पात्र नहीं है, तो उन्हें आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जोड़कर योजनाबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाएगा. इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग हर 15 दिन में जिला कलेक्टर करेंगे.

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आपको बता दें कि शाला स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग 75 लाख छात्रों का स्वास्थ्य और स्वच्छता स्थितियों से संबंधित 70 प्रश्नों के जरिए सर्वेक्षण किया गया. जिसमें विद्यार्थियों के प्रमुख लक्षणों, पोषण संबंधी कमियों, शारीरिक मापदंडों और भावनात्मक मुद्दों सहित महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी ली गई थी.

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