जयपुर:सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 90 हजार छात्रों को किसी न किसी तरह की सर्जरी की जरूरत है. इनमें से अधिकतर के हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं पाई गई हैं. जिनका उपचार अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर करवाएगा.
प्रदेश के छात्रों के सर्वांगिण विकास को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अगस्त-सितंबर महीने में पैपरलैस डिजीटल स्वास्थ्य सर्वे कराया था. जिसमें सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों का हैल्थ सर्वे कर ऐसे छात्रों की पहचान की गई जिन्हें मेडिकल नीड्स है. इस डिजीटल सर्वे से मिले आंकड़ों के अनुसार करीब 90 हजार छात्रों में हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं सामने आई है. सर्जिकल रिक्वायरमेंट वाले इन छात्रों का डेटा स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया गया है.
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इस संबंध में शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अब चिकित्सीय सहायता के लिए पहले चरण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग के समन्वय से सर्जरी की आवश्यकता वाले छात्रों की कार्ययोजना बनाकर त्वरित रूप से क्रियान्वयन किया जाना है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी चिह्नित छात्रों की सर्जरी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम के जरिए करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे.