डूंगरपुर:उच्च शिक्षा को लेकर सरकारें बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत उनके उलट होती है. प्रदेश में कॉलेज व्याख्याताओं के 80 फीसदी तक पद खाली है. इस कारण कॉलेजों में विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है. यही हाल डूंगरपुर का है. यहां जिले के सबसे बड़े राजकीय कॉलेज एसबीपी में 8 हजार स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए सिर्फ 16 व्याख्याता है. इसमें भी 2 व्याख्याता डेप्युटेशन पर हैं. कॉलेज में 85 व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं, जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मापदंडों के अनुसार कॉलेज में 300 व्याख्याता होने चाहिए. हालात ये है कि कई सब्जेक्ट पढ़ाने के लिए कोई व्याख्याता ही नहीं है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हैं.
एसबीपी कॉलेज में 16 व्याख्याता नियुक्त हैं, लेकिन इसमें से 2 व्याख्याता डेप्युटेशन पर दूसरी जगह लगा दिए. जबकि पहले से ही व्याख्याताओं की कमी है. ऐसे हालत में कॉलेज में सिर्फ 14 व्याख्याता ही कार्यरत हैं. जिले के गामड़ी देवल, गामड़ी अहाड़ा कॉलेज की नोडल कॉलेज भी एसबीपी ही है. प्रशासनिक कामों की वजह से यहां भी व्याख्याताओं की ड्यूटी लगाई जाती है.
19 में से 9 विषयों का एक भी व्याख्याता नहीं: एसबीपी कॉलेज में 19 विषय है. जिसमें से 9 में एक भी व्याख्याता नहीं है. हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्कृत, लोक प्रशासन, ईएएफएम, एबीएसटी, भूगर्भ शास्त्र जैसे विषयों में एक भी व्याख्याता नहीं है. ऐसे में सालभर में इन विषयों में पढ़ाई ही नहीं होती है. हालांकि कुछ सब्जेक्ट में कॉलेज प्रशासन की ओर से संविदा व्याख्याता के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाती है, लेकिन परमानेंट व्याख्याता नहीं होने से रेगुलर क्लासेज नहीं लग पा रही है.