नई दिल्ली/गाजियाबाद:पढ़ाई लिखाई की कोई उम्र नहीं होती है. यह साबित किया गाजियाबाद में रहने वाली महिलाओं ने. 60 साल की उम्र पार कर चुकी महिलाएं जिनके घर में पोते-पोतियां हैं वह अब खुद को शिक्षित बनाने के लिए हाथ में कलम पड़ चुकी हैं. शिक्षा के महत्व को समझकर वे अपनी जिंदगी को एक नई दिशा देने की कोशिश में जुटी है. महिलाएं न सिर्फ अपनी जिंदगी को संवारने की कोशिश कर रही, बल्कि इलाके की अन्य महिलाएं जब इन महिलाओं से मिलती हैं या उनकी कहानी के बारे में सुनती हैं तो वह भी शिक्षा की ओर बढ़ रही है.
गाजियाबाद के विजयनगर इलाके की रोजी कॉलोनी की रहने वाली कमलावती की उम्र 62 साल है. घर में बेटे और बेटियों की शादी हो चुकी है. पोते पोतियां भी स्कूल जाने लगे हैं. कमलावती कभी स्कूल नहीं गई. 62 साल की उम्र में कमलावती में जिंदगी को नई दिशा देने के लिए पढ़ाई करनी शुरू कर दी है. रोजी कॉलोनी में युवतियों द्वारा क्लास लगाई जाती है. डेढ़ महीने पहले कमलावती ने क्लास ज्वाइन की. एक महीने में कमलावती 100 तक की गिनती को लिखना सीख गई. कमलावती बताती हैं कि वह क्लास के साथ-साथ घर पर भी पढ़ाई करती हैं.