नई दिल्ली: दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिव्यांग लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है. आयोग ने ग्रैप-3 और ग्रैप-4 के तहत लगाई गई पाबंदियों में ढील देने का ऐलान किया है, जिससे दिव्यांग व्यक्तियों (Persons with Disabilities, PwDs) को अपने अनुकूलित वाहनों को चलाने की अनुमति मिलेगी, चाहे वे बीएस-IV डीजल या बीएस-III पेट्रोल वाहन हों.
पाबंदियों में ढील का कारणः यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है. सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि दिल्ली में गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ग्रैप-4 उपाय 2 दिसंबर तक स्कूलों को छोड़कर लागू रहेंगे. जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि 2 दिसंबर के दौरान सीएक्यूएम ग्रैप पाबंदियों में ढील देने पर एक समीक्षा बैठक करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्कूलों को छोड़कर सभी ग्रैप-4 उपाय सोमवार तक लागू रहेंगे. आयोग इस समीक्षा बैठक में ग्रैप-4 से ग्रैप-3 या ग्रैप-2 में जाने के सुझाव पर विचार करेगा. यह महत्वपूर्ण जानकारी है कि आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी उपायों में बदलाव संभव है और ग्रैप-3 और ग्रैप-2 के उपायों का संयोजन भी किया जा सकता है.
सीएक्यूएम के इस निर्णय से दिव्यांग व्यक्तियों को अतिरिक्त स्वतंत्रता मिली है, जिससे उनके जीवन में सुविधा और सहजता बढ़ेगी. हालांकि, इस प्रस्तावित ढील से प्रदूषण को नियंत्रित करने की योजना पर भी सवाल उठ सकते हैं, खासकर जब दिल्ली में प्रदूषण की उच्चतम दरें देखी जा रही हैं.
केंद्र सरकार की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को सूचित किया कि आयोग ने वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस, एमसीडी, और परिवहन विभाग से स्पष्टीकरण मांगने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह वायु प्रदूषण संबंधित मामलों की विस्तार से सुनवाई जारी रखेगा, जिससे नीति निर्माण में पारदर्शिता और उत्साह बढ़ सके.
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