नालंदा: ज्ञान की धरती नालंदा का कतरीसराय प्रखंड झारखंड के जामताड़ा को भी डिजिटल फ्रॉड के मामले में पीछे छोड़ चुका है. जिसका नतीजा यह है कि आए दिन दूसरे प्रदेशों की पुलिस साइबर घटनाओं के उद्भेदन के लिए ज़िले में डेरा डाले रहती है. पुलिस आए दिन ठगों को गिरफ्तार कर ले जाती है. फिर वह कुछ महीने या साल में छूट जाता है. इतना होने के बावजूद साइबर अपराधियों का मनोबल घटने का नाम नहीं ले रहा है.
नालंदा से साइबर फ्रॉड गिरफ्तार: ताजा मामला कतरीसराय थाना क्षेत्र के रसलपुर गांव का है, जहां से पुलिस ने 7 साइबर अपराधियों को पकड़ा है. हथियार, ठगी में उपयोग होने वाले संसाधनों, दस्तावेजों के साथ लाखों रुपए भी पुलिस ने उनके पास से बरामद किए हैं. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की बारीकी से तफ्तीश कर रही है.
7 ठग सामान के साथ पकड़ाए: इस बाबत राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए स्थानीय थाना क्षेत्र के रसलपुर गांव में कतरीसराय थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी के नेतृत्व में सघन छापेमारी किया गया. इस छापेमारी के दौरान 7 साइबर ठग को ठगी के सामान के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.
"गिरफ्तार किए गए ठगों की पहचान रसलपुर गांव निवासी राम किशुन रविदास का 28 वर्षीय पुत्र संजय कुमार, राज कुमार रविदास के 42 वर्षीय पुत्र शैलेंद्र कुमार, 30 वर्षीय पुत्र सिकंदर रविदास, 20 वर्षीय पुत्र शिवनंदन कुमार और 26 वर्षीय रामानंदन कुमार उर्फ रामानंद रविदास के रूप में हुई है. इसके अलावा कपिल रविदास का 24 वर्षीय पुत्र धर्मेंद्र कुमार उर्फ धारो उर्फ़ डीजे, रामाश्रय रविदास का 32 वर्षीय पुत्र मंटू कुमार भी पकड़ा गया है."- सुनील कुमार सिंह, राजगीर डीएसपी
चिकेन पार्टी चलाते हुए ठगी: उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि रसलपुर गांव में बड़े पैमाने पर साइबर ठगी का धंधा काफ़ी तेज़ी से फ़ल फूल रहा है. ठगों द्वारा चिकेन पार्टी चलाते हुए ठगी का धंधा किया जा रहा था. इसी को लेकर जब गांव की घेराबंदी कर छापेमारी की गई तो सातों अपराधी गिरफ्तार किए गए. जब सख़्ती से पूछताक्ष की गई एवं जांच हुआ तो साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ हुआ.