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शपथ लेकर 602 अग्निवीर भारतीय सेना में हुए शामिल, फर्रुखाबाद में हुई पासिंग आउट परेड

मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही ने सलामी लेने मंच पर पहुंचे.

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फर्रुखाबाद सर्वोच्च बलिदान की शपथ लेकर 602 अग्निवीर भारतीय सेना में शामिल (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 18 hours ago

फर्रुखाबाद:मंगलवार को राजपूत रेजीमेंट सेंटर के करियप्पा मैदान में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. देश सेवा की ललक में सराबोर और अग्निवीरों ने पासिंग आउट परेड के दौरान अद्वितीय सैन्य अनुशासन का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम के लिए मैदान को फूलों से सजाया गया. चौथे बैच की परेड़ को देखते के लिए अग्निवीरों के परिजन भी पहुंचे. मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही सलामी लेने मंच पर पहुंचे.

ट्रेनिंग कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह साही ने 602 अग्निवीरों की परेड का निरीक्षण कर सलामी ली. उन्होंने अग्निवीरों को भारतीय सेवा में शामिल होने की बधाई दी. परेड की अगुवाई अग्निवीर शिवम तिवारी ने की. सलामी के समय मंच के सामने से सिर पर लाल साफा बांधे, सीना फुलाए जवान गुजरे तो दर्शक और परिजनों ने तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया. कहा कि देश की सुरक्षा के लिए आम युवा से सैनिक बनने का सफर कठिन होता है. इसके लिए जवान को तपना पड़ता है.

पासिंग आउट परेड की सलामी देते अग्निवीर (Video Credit; ETV Bharat)

दुश्मन की फौज पर भारी पड़ते हैं भारतीय सेना के प्रत्येक जवान: लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह
जवान को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. अव्वल दर्जे का प्रशिक्षण लेकर हर एक जवान दुश्मन पर भारी पड़ेगा. हरजीत सिंह ने कहा कि सेना में शामिल होने के बाद सभी जवानों के लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है. रेजीमेंट की इज्जत और सम्मान के साथ ही अग्निवीर को अपने परिवार के दायित्व के साथ स्वयं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठानी होगी.

मैदान में प्रशिक्षण और पहाड़ पर मोर्चा के लिए जवानों को तैयार किया जाता है. इसके लिए ड्रिल, वेपन हैंडलिंग, फायरिंग, फील्ड बैटल क्राफ्ट, मैप रीड़िग के साथ ही शारीरिक रूप से फौलाद बनाने का काम अनुभवी प्रशिक्षक करते हैं. इतिहास गवाह है कि युद्ध के मैदान में भारतीय सेना का प्रत्येक जवान दुश्मन की फौज पर भारी पड़ता है.

राजपूत रेजिडेंट की खासियत:प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में विदेश तक में अपनी वीरता की जौहर दिखा चुको राजपूत रेजिमेंट का अपना गौरवशाली इतिहास है. राजपूत रेजिमेंट को पहली बार वर्ष 1921 में फतेहगढ़ लाया गया. वर्ष 1945 में इसे रेजिमेंट सेंटर का दर्जा मिला. वर्तमान में राजपूत रेजीमेंट भारतीय सेवा की महानतम रेजिमेंट में से एक है.

इसमें 21 सकरी इंफेट्री बटालियन, चार राष्ट्रीय राइफल बटालियन, दो टेरिटोरियल आर्मी बटालियन और एक तरफ एक टास्क फोर्स बटालियन सम्मिलित है. राजपूत, गुर्जर, ब्राह्मण, मुस्लिम और बंगाली इसके फौलादीज स्तंभ हैं. राजपूत रेजीमेंट के पास एक परमवीर चक्र, दो अशोक चक्र, 17 कीर्ति चक्र, 49 शौर्य चक्र और 369 सेना मेडल है.

अग्निवीरों को लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह ने किया सम्मानित:31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद सेना का अंग बने अग्निवीरों को सम्मानित किया गया. समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही ने ओवरऑल मेरिट में प्रथम स्थान पर जिला ट्रेनिंग कंपनी के अग्निवीर बजरंग रहे. वहीं मेरिट में दूसरे स्थान पर बेलोनिया ट्रेनिंग कंपनी के अग्निवीर अंशुमान सिंह रहे. इसी कंपनी के अग्निवीर अभिनव कुमार उपाध्याय ने तीसरा स्थान हासिल किया. इसके अलावा ड्रिल और परेड में उत्तम प्रदर्शन करने वाले नौशेरा ट्रेनिंग कंपनी के अग्निवीर शुभम तिवारी को पदक देकर सम्मानित किया.

अग्निवीरों के परिजन नजर आये खुश:परेड में शामिल अग्निवीरों के लिए बुधवार का दिन बहुत ही अहम रहा. परेड समाप्त होने के बाद जब अग्निवीर अपने परिजनों से मिले, तो खुशी से फूले नहीं समाए. अग्निवीरों के परिजनों को गौरव पदक देकर, अध्यक्ष गुरप्रीत कौर संधू ने बधाई दी.

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