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IMS BHU में जल्द बनकर तैयार होगा 200 बेड का अस्पताल, बुजुर्गों को मिलेगा बेहतर इलाज - IMS BHU

वाराणसी में IMS BHU में 200 बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो रहा है. इससे मरीजों के इलाज में काफी राहत मिलेगी.

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BHU (photo source: university administration)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 6, 2024, 9:51 AM IST

वाराणसीःआईएमएस बीएचयू में 200 बेड के नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग (एनसीए) का निर्माण हो रहा है. एनसीए का दायरा वरिष्ठ जन स्वास्थ्य योजना के अनुरूप होगा, जो एनपीएचसीई के परिचालन दिशानिर्देशों द्वारा निर्देशित होगी. 200 बेड के NCA का निर्माण लगभग 2045 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जाएगा. यह निर्माण 18 महीने में पूरा होगा. इससे मरीजों को इलाज में काफी राहत मिलेगी.

बता दें कि बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) के तहत क्षेत्रीय जराचिकित्सा केंद्र (आरजीसी) को तीसरे राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र (एनसीए) में अपग्रेड करने को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जराचिकित्सा चिकित्सा विभाग आईएमएस बीएचयू में मंजूरी पिछले वर्ष दे दी थी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आईएमएस, बीएचयू में एनसीए की स्थापना के लिए एम/एस एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड को परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में चुना गया है. इसके लिए एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड द्वारा पिछले साल दिसंबर महीने में निविदा जारी की गई थी.

फरवरी के महीने में कांट्रैक्टर को काम आवंटित किया गया था. बुजुर्ग रोगियों को अन्य सुपर स्पेशियलिटी विभागों में आसानी से परामर्श करने के लिए एनसीए को सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के नजदीक स्थान को चुना गया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय बुजुर्गों (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए काम कर रहे विभिन्न मंत्रालयों मे समन्वय के साथ काम कर रहा है. विभाग का कहना है कि, नेशनल सेंटर फॉर एजिंग (एनसीए) का दायरा वरिष्ठ जन स्वास्थ्य योजना के अनुरूप होगा, जो एनपीएचसीई के परिचालन दिशा-निर्देशों द्वारा निर्देशित होगी.

प्रति वर्ष सीटों को बढ़ाने का है उद्देश्य
विभाग का कहना है कि, 200 बेड के NCA का निर्माण लगभग 2045 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जाएगा. पूरी परियोजना 18 महीने की अवधि में पूरी की जाएगी. इससे बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों में जराचिकित्सा विभाग चिकित्सा का विस्तार होगा जो बुजुर्ग मरीज़ो की देखभाल में पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्र की जराचिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने का काम करेगा. एनसीए का मुख्य उद्देश्य स्नातकोत्तर MD जराचिकित्सा सीटों को प्रति वर्ष 15 तक बढ़ाना और डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के लिए विभिन्न अल्पकालिक पाठ्यक्रम शुरू करना है.

तकनीकी सलाहकार समिति बनाई
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी एनसीए के बीच एकरूपता बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा एक तकनीकी सलाहकार समिति बनाई गई है. इसके सदस्य के रूप में स्वास्थ्य मंत्रालय से आईएमएस बीएचयू में जिरियाट्रिक (जरा चिकित्सा) विभाग में एनपीएचसीई के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अनुप सिंह को चुना किया है. इसके अलावा क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बुजुर्ग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके और उनकी भलाई और मानवाधिकारों की रक्षा हो सके.

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