डूंगरपुर: राज्य सरकार की कालीबाई स्कूटी योजना और देवनारायण स्कूटी को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. डूंगरपुर जिले की 1 हजार होनहार बेटियां योजना के तहत जिन स्कूटियों के मिलने का इंतजार कर रही हैं, वे 8 करोड़ की स्कूटी गोकुलपुरा स्थित एक कम्पनी के डीलर के बाड़े में कबाड़ बन रही हैं. लापरवाही की हद ये है कि विभाग के अधिकारियों को इन स्कूटियों की जानकारी तक नहीं है. इसके अलावा उदयपुर के एमजी कॉलेज में भी स्कूटी पड़े-पड़े ही खराब हो रही हैं.
राज्य सरकार कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण योजना के तहत 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटियां देती है. कॉलेज निदेशालय की ओर से सत्र 2023-24 की छात्राओं को स्कूटियां दी जा रही हैं. लेकिन सत्र 2022-23 में चयनित 1000 छात्राओं को अब तक स्कूटियां नहीं मिली हैं. विधानसभा चुनाव से पहले 168 छात्राओं को स्कूटी का वितरण कर दिया गया था. लेकिन शेष एक हजार छात्राओं को आज भी इन स्कूटियों का इंतजार है. 8 करोड़ की स्कूटियां बाड़े में धूल फांक रही हैं. लंबे समय से यहां रखी स्कूटियां अब कबाड़ बनती जा रही हैं.
छात्राएं कर रही प्रदर्शन: सत्र 2022-23 में स्कूटी योजना के तहत पात्र छात्राओं ने कई बार प्रदर्शन करते हुए स्कूटी देने की गुहार लगाई. लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. जबकि ये स्कूटियां सरकार की ओर से 28 मार्च, 2024 को खरीद ली गई थी. वहीं 19 मई को प्रत्येक छात्रा के नाम से आरटीओ रजिस्ट्रेशन व बीमा तक भी चुका है. स्कूटियां कम्पनी के एक डीलर के बाड़े में 9 माह पहले ही आ गई थी. लेकिन इन स्कूटियों को वितरण करने की जहमत ना तो टीएडी विभाग और न ही कॉलेज निदेशालय ने उठाई. बाड़े में खड़ी इन स्कूटियों की फ्यूल नलियां व तार भी टूट चुके हैं.