पटना:श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने घोषणा की है कि बिहार सरकार अब 10 लाख से अधिक की लागत वाले भवनों पर एक प्रतिशत सेसलगाएगी. उन्होंने कहा कि 10 लाख से अधिक लागत वाले भवनों पर जो एक प्रतिशत सेस राज्य सरकार लेगी, उस राशि को मजदूर कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा. इस दौरान मंत्री ने बताया कि सैटेलाइट मैपिंग के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि आपके इलाके में कितनी बिल्डिंग बनी है. सेटेलाइट मैपिंग के लिए फिलहाल पटना, गया और मुजफ्फरपुर में श्रम संसाधन विभाग ने कार्यालय भी खोल रखा है.
10 लाख रुपये से अधिक लागत वाले मकान पर सेस:मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग लगातार मजदूरों के कल्याण के लिए काम कर रहा है. हम लोगों ने 10 लाख से अधिक लागत वाले भवनों पर जो एक प्रतिशत सेस लगाने का फैसला किया है, इससे 1500 करोड़ वसूली का लक्ष्य विभाग ने रखा है. इन सब पैसों को मजदूर कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा.
"10 लाख से अधिक की लागत का जो भी मकान बनेगा, उस पर 1 प्रतिशत सेस लगाने का फैसला लिया गया है. यह लोगों में जागरूकता के लिए है. जिन मजदूरों की मेहनत और खून-पसीना से मकान बनता है, उनकी भलाई के लिए यह निर्णय लिया गया है."- संतोष कुमार सिंह, मंत्री, श्रम संसाधन विभाग
'मजदूरों की मौत पर बढ़ी मुआवाजा राशि':श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि बिहार में अब मजदूरों की मौत पर मुआवजा एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है. वहीं, अगर विदेश में किसी मजदूर की मौत होती है तो उन्हें भी दो लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही 'निश्चय पार्ट-2' के तहत 60 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बनकर तैयार है. मुख्यमंत्री जल्द ही इसका उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 89 संस्थाओं को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है. कौशल विकास मिशन के द्वारा राज्य में अभी तक 31 लाख युवाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सम्मिलित किया गया है, जिसमें 22.5 लाख सफल प्रमाणीकरण भी किया जा चुका है.