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Exclusive: जीएम प्रवीण थिप्से ने डी गुकेश की अविश्वसनीय जीत पर कहा, 'यह 100 मीटर की रेस 2 सेकंड पहले जीतने जैसा है' - PRAVIN THIPSAY INTERVIEW

FIDE के वरिष्ठ ट्रेनर जीएम प्रवीण थिप्से ने ईटीवी भारत के निखिल बापट से गुकेश के सबसे युवा विश्व चैंपियन बनने के बाद बात की.

File photo of GM Pravin Thipsay
जीएम प्रवीण थिप्से की फाइल फोटो (ETV Bharat)

By ETV Bharat Sports Team

Published : Dec 13, 2024, 7:57 PM IST

हैदराबाद :जीएम डी गुकेश गुरुवार को सिंगापुर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. गुकेश ने इस तरह दिग्गज रूसी जीएम गैरी कास्पारोव के रिकॉर्ड को 4 साल और 2 महीने के अंतर से तोड़ दिया. कास्पारोव ने 1985 से यह रिकॉर्ड अपने नाम किया हुआ था. जीएम प्रवीण थिप्से ने इस उपलब्धि के लिए गुकेश की सराहना की.

चेन्नई के शतरंज खिलाड़ी द्वारा दुनिया को चौंका देने के बाद अर्जुन पुरस्कार विजेता थिप्से ने ईटीवी भारत से कहा, 'गुकेश 18 साल और 6 महीने की उम्र में विश्व चैंपियन बन गए. उन्होंने कास्पारोव का रिकॉर्ड 4 साल और 2 महीने पहले तोड़ दिया. यह 100 मीटर की दौड़ को दो सेकंड पहले जीतने जैसा है. यह जीत शानदार है'.

महाराष्ट्र सरकार के शिव छत्रपति पुरस्कार से सम्मानित जीएम थिप्से ने कहा, 'यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. अगर 3 साल पहले कोई मुझसे पूछता कि अगला विश्व चैंपियन 18 साल का होगा. यह एक अविश्वसनीय जीत है, यह सिर्फ एक भारतीय की जीत नहीं है, बल्कि उससे भी बड़ी जीत है'.

विश्व चैंपियनशिप की शुरुआत से पहले जीएम थिप्से ने भविष्यवाणी की थी कि गुकेश 12 राउंड में विजयी हो सकते हैं, लेकिन चेन्नई के युवा खिलाड़ी को 14 राउंड लगे.

उन्होंने कहा, 'मेरी भविष्यवाणी सही नहीं हुई. मैंने भविष्यवाणी की थी गुकेश 12 राउंड में जीत जाएगा क्योंकि डियान लिरेन की रेटिंग गिर गई थी. गुकेश की रेटिंग बढ़ गई थी. यह गुकेश का सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं था, लेकिन फिर भी उसने विश्व चैम्पियनशिप जीती, जो आश्चर्यजनक है'.

थिप्से के अनुसार, जिन्होंने यह सब देखा है, खिलाड़ियों को चैंपियन बनने के लिए माता-पिता और कोचों से बहुत प्रयास की आवश्यकता होती है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में शतरंज की कोचिंग महंगी है और गुकेश की जीत की असली उपलब्धि तब होगी जब आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार का बच्चा विजयी होगा.

थिप्से, जो 2022 से FIDE के वरिष्ठ ट्रेनर हैं, ने यह भी बताया कि वर्तमान पीढ़ी के खिलाड़ी - चाहे वह गुकेश हों या आर प्रज्ञानंदा, किस तरह बाधाओं को तोड़ रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि यह खिलाड़ियों की चरण-दर-चरण प्रगति है. उन्होंने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि उन्होंने और उनके सहयोगी आरबी रमेश ने सरकार से सिफारिश की है कि बच्चों को फ्री ट्रेनिंग दी जानी चाहिए.

बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई निवासी गुकेश के लिए 5 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है.

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