शहडोल।बीते मंगलवार को अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया. जहां एक रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को दो विकेट से करारी शिकस्त दी. एक बार फिर से फाइनल मुकाबले में अपनी जगह बना ली. अंडर-19 वर्ल्ड कप में इस बार विन्ध्य क्षेत्र के खिलाड़ी सौम्य पांडे कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक पूरे टूर्नामेंट में सौम्य पांडे ने जिस तरह से गेंदबाजी की है. उनकी फिरकी गेंदबाजी के बड़े-बड़े दिग्गज कायल हो गए हैं.
वर्ल्ड कप में विंध्य के लाल का कमाल
अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय खिलाड़ी कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं. जिस तरह से शुरुआती झटके लगने के बाद भी सेमीफाइनल में भारतीय युवा खिलाड़ियों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए जीत हासिल की है, वो वाकई काबिले तारीफ है. अंडर-19 वर्ल्ड कप में विंध्य के युवा क्रिकेटर सौम्य पांडे ने अब तक 6 मैच खेले हैं और 6 मैच में ही उन्होंने अब तक 17 विकेट निकाल लिए हैं. अभी फाइनल मुकाबला बाकी है. सौम्य पांडे अंडर-19 वर्ल्ड कप के मौजूदा टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाजों में दूसरे नंबर पर हैं. देखा जाए तो मौजूदा टूर्नामेंट में सौम्य पांडे ने काफी इकोनॉमिकल गेंदबाजी की है. 6 मैच में महज 2.44 की इकोनॉमी से गेंदबाजी की है, जिसमें 19 रन खर्च करके चार विकेट इनका बेस्ट है.
कहां के रहने वाले हैं सौम्य ?
सौम्य पांडे के कोच एरिल एंथोनी बताते हैं कि ये युवा क्रिकेटर रीवा संभाग के सीधी जिले के एक गांव का रहने वाला है. जब वो 6 से 7 साल की उम्र के थे, तब आए हुए थे. तभी से उनके साथ वो अकादमी में क्रिकेट सीख रहे हैं. आज सौम्य पांडे की इस तरक्की से उनके प्रदर्शन से उनके कोच एरिल एंथोनी काफी खुश हैं. उनके कोच एरिल एंथोनी का कहना है कि अब तो भारतीय टीम वर्ल्ड कप जीत जाए हमारी यही तमन्ना है. उसके लिए भारतीय टीम को बेस्ट ऑफ लक.
ऐसे हुई क्रिकेट में एंट्री
सौम्य पांडे की आखिर क्रिकेट में एंट्री कैसे हुई ये कहानी भी काफी दिलचस्प है, उनके शुरुआती कोच बताते हैं कि सौम्य पांडे को उनके माता-पिता 6 से 7 साल की उम्र में उनके पास लेकर आए थे. ऐसा नहीं है कि सौम्य को सिर्फ क्रिकेट ही सीखना था. इसलिए उनके पास आये थे, इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है. उनके कोच कहते हैं कि उनके माता-पिता उनके पास सौम्य को इसलिए लेकर आए थे, क्योंकि वो बचपन में बहुत बीमार रहता था. बुखार सर्दी खांसी उसे लगी ही रहती थी. डॉक्टर ने उनके माता-पिता को सलाह दी थी कि वो किसी स्पोर्ट्स से सौम्य को जोड़े और इसीलिए वो मेरे पास लेकर आए. तभी से वो यहां क्रिकेट अकादमी में खेल रहा है.