दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

10 वर्षीय गृहिता विचारे ने रचा इतिहास, बनीं सबसे कम उम्र की भारतीय पर्वतारोही - Grihitha Sachin vichare - GRIHITHA SACHIN VICHARE

Mountain Bazarduzu : महाराष्ट्र के हीरे के नाम से मशहूर 10 वर्षीय गृहिता सचिन विखरे ने 26 अगस्त 2024 को बजरडुज़ू चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और शिखर पर भारतीय ध्वज फहराया. पढ़ें पूरी खबर..

Grihitha Sachin Vichare
गृहिता विचारे (ETV Bharat)

By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 29, 2024, 9:00 PM IST

ठाणे :बजरदुजु अजरबैजान का सबसे ऊंचा पर्वत है जो रूस की सीमा पर स्थित है. महाराष्ट्र के हीरे के नाम से मशहूर ठाणे निवासी 10 वर्षीय गृहिता सचिन विचारे ने 26 अगस्त 2024 को सुबह 11.20 बजे बजरदुजु चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और शिखर पर भारतीय ध्वज फहराया. इसके साथ ही वह इस सफलता को हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई हैं.

गृहिता विचारे (ETV Bharat)

रूसी और अजरबैजान सीमा सुरक्षा बलों से अभियान की अनुमति प्राप्त करने के बाद, गृहिता ने 24 अगस्त को अपने पिता के साथ शुरुात की. इसके साथ ही अजरबैजान की अभियान टीम और 26 अगस्त को भारत की फ्लाई हाई एक्सपीडिशन टीम के साथ चढ़ाई जारी रखी. इस चोटी को फतह करके ग्रिहिथा ने न केवल अपनी अविश्वसनीय दृढ़ संकल्प और कौशल का परिचय दिया, बल्कि माउंट बजरदुजु की चुनौतीपूर्ण चोटी को फतह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बनकर इतिहास भी रचा.

6 साल से पर्वतारोहण
गृहिता 6 साल की उम्र से पर्वतारोहण कर रही हैं, उन्होंने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं और अब तक पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनके नाम 8 इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और 1 एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स हैं. बजरदुजु गृहिता की चौथी अंतरराष्ट्रीय सफलता है. इससे पहले गृहिता 8 साल की उम्र में नेपाल में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप और 9 साल की उम्र में अफ्रीका में माउंट किलिमंजारो और मलेशिया में माउंट किनाबालु पर चढ़ाई कर चुकी हैं. गृहिता इस चोटी पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई हैं.

देश पर गर्व
गृहिता ने बहुत ही कम उम्र में वजीर सुल्का, नवरा नवरी सुल्का, स्कॉटिश कड़ा, कालकराई सुल्का, सह्याद्रि में डांग्या सुल्का जैसे कई कठिन ट्रेक भी पार किए हैं. बजार्डुज़ु में ग्रिहिथा की सफलता पूरे देश के लिए गर्व का स्रोत है और हर जगह युवा साहसी लोगों के लिए प्रेरणा है.

यह भी पढ़ें : आज के ही दिन क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व

ABOUT THE AUTHOR

...view details