शिमला/दिल्ली: रविवार 8 नवंबर को एडिलेड में भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच हार गई. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए 5 टेस्ट मैचों की सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर गई है. पहला मैच टीम इंडिया ने जीता तो दूसरा ऑस्ट्रेलिया ने अपने नाम किया. जिससे भारतीय फैन्स निराश हैं लेकिन इस सबसे दूर देश की राजधानी दिल्ली में एक और टीम इंडिया ने कमाल कर दिया है. यहां श्रीलंका के साथ 5 मैचों की वनडे सीरीज में इस टीम ने क्लीन स्वीप कर दिखाया और ये टीम भी अपने आप में बहुत खास है. ऑस्ट्रेलिया की हार के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं दिल्ली में जिस टीम इंडिया ने कमाल किया है उस टीम के कप्तान को शायद आप जानते भी नहीं होंगे.
इंडियन डेफ क्रिकेट टीम का कमाल
दरअसल भारत और श्रीलंका की Deaf यानी बधिर टीमों के बीच 5 मैचों की द्विपक्षीय सीरीज हुई. 2 दिसंबर के 8 दिसंबर तक खेली गई इस सीरीज में भारतीय टीम ने क्लीन स्वीप किया और श्रीलंका को 5-0 से मात दे दी. इस सीरीज की मेजबानी IDCA यानी Indian Deaf Cricket Association ने की थी. इस सीरीज के सभी मुकाबले दिल्ली के रोशनआरा क्लब में खेले गए थे.
5-0 से सीरीज जीतने के बाद ट्रॉफी लेते कप्तान वीरेंद्र सिंह (IDCA)
हिमाचल से है इस टीम के कप्तान
श्रीलंका की टीम को 5-0 से धूल चटाने वाली टीम इंडिया की कप्तान वीरेंद्र सिंह थे. जो हिमाचल प्रदेश के ऊना के रहने वाले हैं. वीरेंद्र एक ऑलराउंडर हैं और लेफ्ट हैंड बैटिंग के साथ-साथ लेफ्ट आर्म स्पिनर भी हैं. इस सीरीज में भी उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार खेल दिखाया. उन्हें सीरीज के तीसरे मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया. इस सीरीज में वीरेंद्र ने कुल 131 रन बनाए और 6 अहम विकेट भी लिए.
श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में वीरेंद्र ने 27 गेंद में 36 रन बनाए. इस पारी में 5 शानदार चौके भी शामिल थे. वहीं 7 ओवर की गेंदबाजी में वीरेंद्र ने 47 रन देकर एक विकेट भी लिया
दूसरे मुकाबले में उन्होंने 37 गेंद में दो चौकों की मदद से 35 रन बनाए, इस मैच में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी.
तीसरे वनडे में आलराउंड खेल दिखाते हुए कप्तान वीरेंद्र सिंह ने 54 गेंद में शानदार 50 रन की पारी खेली. इसमें 3 चौके शामिल थे. वहीं 7.4 ओवर में 38 रन देकर 3 विकेट भी चटकाए.
चौथे मैच में वीरेंद्र को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला लेकिन उन्होंने 10 ओवर की गेंदबाजी में 40 रन देकर एक विकेट लिया.
सीरीज के 5वें और आखिरी मुकाबले में वीरेंद्र ने 6 गेंद में एक चौके की मदद से 10 रन बनाए और 10 ओवर की गेंदबाजी में 58 रन देकर एक विकेट लिया.
वीरेंद्र सिंह बीते करीब दो दशक में शानदार क्रिकेट खेली है. इस दौरान वो डेफ वर्ल्ड कप, एशिया कप, टी20 वर्ल्ड कप और कई द्विपक्षीय सीरीज खेल चुके हैं. इस दौरान वो 161 मैच में 4267 रन बनाने के साथ ही 220 विकेट भी ले चुके हैं. अपने करियर में वो कई बार प्लेयर ऑफ द मैच के साथ-साथ मैच के बेस्ट बॉलर और बेस्ट बैटर का पुरस्कार जीत चुके हैं.
श्रीलंका को 5-0 से ऐसे दी पटखनी
2 दिसंबर से शुरू हुई द्विपक्षीय वनडे सीरीज में भारतीय टीम ने श्रीलंका को एक के बाद एक पांचों मुकाबलों में धूल चटाई.
पहला मैच 2 दिसंबर को खेला गया. जहां भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी. श्रीलंका की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 41.4 ओवर में ऑलआउट हो गई. जबकि टीम इंडिया ने 36 ओवर्स में ही 5 विकेट खोकर 219 रन बनाकर मैच अपने नाम किया.
3 दिसंबर को दूसरे वनडे मुकाबले में श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर फील्डिंग चुनी. भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर्स में 6 विकेट खोकर 303 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. जिसमें ओपनिंग बल्लेबाज संतोश महापात्रा की सेंचुरी (100 रन) के साथ विकेटकीपर उमर अशरफ की हाफ सेंचुरी (51 रन) और अभिषेक सिंह (65 रन) की शानदार पारी शामिल थी. 304 रन के पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका की टीम 28.2 ओवर में 143 रन पर ही ढेर हो गई और भारतीय टीम ने 160 रन से मैच जीत लिया.
5 दिसंबर को तीसरे मुकाबले में भी श्रीलंका ने टॉस जीतकर फील्डिंग का फैसला लिया. भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवर में 285 रन पर ऑल आउट हो गई. टीम इंडिया के लिए संतोष महापात्रा ने 92 रन की शानदार पारी खेली वहीं कप्तान वीरेंद्र सिंह ने भी 50 रन बनाए. जवाब में श्रीलंका की टीम एक बार फिर लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई और 45.4 ओवर में 195 रन पर ऑल आउट हो गई. लगातार 3 मुकाबले जीतकर भारतीय टीम ने सीरीज में अपराजेय बढ़त बना ली थी.
चौथा मैच 6 दिसंबर को खेला गया. इस बार भारतीय कप्तान वीरेंद्र सिंह ने टॉस जीतकर फील्डिंग चुनी. श्रीलंका की टीम 44.4 ओवर में 224 रन पर ऑल आउट हो गई. लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 37.5 ओवर में 4 विकेट खोकर 228 रन बनाकर मैच जीत लिया. जिसमें साई आकाश ने 78 रन, संतोष महापात्रा ने 40 और अभिषेक सिंह ने 67 रन बनाए.
सीरीज का आखिरी और सबसे दिलचस्प मुकाबला रविवार 8 दिसंबर को खेला गया था. जहां भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. टीम इंडिया ने 49.5 ओवर्स में 289 रन पर ऑल आउट हो गई. टीम इंडिया ने अभिषेक सिंह के शतक (115 रन) और साई आकाश के 54 रन, विकेटकीपर उमर अशरप के 44 रनों की बदौलत बड़ा स्कोर खड़ा किया. लेकिन सीरीज में पहली बार श्रीलंका की टीम ने जुझारू खेल दिखाया और टीम इंडिया को कड़ी टक्कर दी. हालांकि मैच भारतीय टीम ने जीता लेकिन श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने आखिर तक हार नहीं मानी. श्रीलंकाई टीम 48.4 ओवर में 276 रन पर ऑल आउट हो गई. और भारतीय टीम ने 13 रन से मैच जीतकर 5-0 से सीरीज अपने नाम कर ली.
सीरीज के समापन पर IDCA के अध्यक्ष सुमित जैन ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि "दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने अपना टेलेंट दिखाया है और इस तरह की सीरीज प्रतिभा ओं के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म है. इस तरह की सीरीज के खिलाड़ियों के सामने प्रतिभा दिखाने का अच्छा मौका होता है, जिसके सहारे वो भविष्य के लिए तैयार होते हैं. आईडीसीए भविष्य में इस तरह की और भी सीरीज का आयोजन करेगी ताकि स्पेशल टेलेंट को बढ़ावा मिले"