नालंदा:भारतीय महिला हॉकी टीम एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर गई है. इंडियन वूमैन टीम ने अजेय अभियान जारी रखते हुए दूसरे सेमीफाइनल में रोमांचक मुकाबले में जापान को 2-0 से शिकस्त दी. पहले हॉफ में दोनों टीम एक भी गोल नहीं कर पायी. दोनों टीम गोल के लिए तरसते रहे. हालांकि भारत को लगातार पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल में तब्दील नहीं कर सके.
भारत ने जापान को 2 गोल से हराया:भारत के लिए नवनीत ने पेनल्टी से गोलकर टीम के लिए पहला गोल किया जबकि दूसरा गोल लाल रेमसियामी ने किया. भारत अब बुधवार को फाइनल में चीन से खिताबी मुकाबले में भिड़ेगी. वहीं एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में चीन ने मलेशिया को 3-1 से पराजित कर फाइनल में स्थान पक्का किया है.
भारत को मिले 11 पेनल्टी कॉर्नर:शानदार खेल के लिए प्लेयर ऑफ द मैच लाल रेमशमी को दिया गया. पहले 45 मिनट तक भारत और जापान एक गोल के लिए जद्दोजहद कर रही थी. दोनों टीमें आक्रामक खेलते हुए संघर्ष करते रहे. भारत को लगातार पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन वह उसे गोल में नहीं बदल सके. इस दौरान भारत को 11 तो वहीं जापान को एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं मिला था.
"टीम का लक्ष्य केवल जीत था और इसके लिए सभी खिलाड़ियों ने मिलकर पूरी मेहनत की. भारतीय टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया."-सलीमा टेटे, कप्तान
भारतीय टीम ने अटैकिंग हॉकी खेली:भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने सेमीफाइनल में टीम की जीत पर अपनी खुशी व्यक्त की और खिलाड़ियों की मानसिकता और रणनीति की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हमारी रणनीति हमेशा से आक्रामक हॉकी खेलने की रही है. चाहे विरोधी टीम डिफेंसिव क्यों न हो दर्शकों ने भी देखा होगा कि भारतीय टीम ने अटैकिंग हॉकी खेली. यही हमारी सफलता की कुंजी है.
'दबाव में खिलाड़ियों ने बेहतर खेल दिखाया':कोच ने कहा कि फाइनल को लेकर अपनी रणनीति साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि हम चीन की मजबूत डिफेंस को तोड़ने में कामयाब होंगे. भारतीय टीम ने हमेशा दबाव में बेहतर प्रदर्शन किया है और यह फाइनल भी अलग नहीं होगा. हम फाइनल को लेकर 100% आश्वस्त हैं.