नई दिल्ली : हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले स्टार भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हिंदी भाषा को लेकर अपनी टिप्पणी से सुर्खियां बटोरीं हैं. एक निजी कॉलेज कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए अश्विन ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है.
अश्विन के बयान पर मचा बवाल
स्पिनर ने छात्रों से यह पूछने के बाद यह टिप्पणी की कि अगर किसी को अंग्रेजी या तमिल में दक्षता नहीं है तो क्या वे हिंदी में सवाल पूछने में रुचि रखते हैं. अश्विन के सवाल के बाद भीड़ चुप हो गई. भाषा वरीयता के आधार पर छात्रों की प्रतिक्रिया को देखने के बाद, अश्विन ने भारत में भाषा के मुद्दे को संबोधित किया.
हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है: अश्विन
अश्विन ने कहा, 'मुझे लगा कि मुझे यह कहना चाहिए: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह एक आधिकारिक भाषा है'. भारतीय ऑफ स्पिनर के इस बयान पर सोशल मीडिया पर बखेड़ा खड़ा हो गया है. कुछ लोग अश्विन इस टिप्पणी को लेकर उनके समर्थन में हैं. वहीं, कुछ लोग इस बयान को लेकर उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं.
कभी कप्तानी की कोशिश नहीं की
अश्विन ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी कप्तानी की कोशिश नहीं की, जबकि कई लोगों ने अनुमान लगाया था कि वे यह भूमिका निभाएंगे. अश्विन ने बताया, 'जब कोई कहता है कि मैं यह नहीं कर सकता, तो मैं इसे पूरा करने के लिए जाग जाता हूं, लेकिन अगर वे कहते हैं कि मैं कर सकता हूं, तो मेरी रुचि खत्म हो जाती है'.